पुस्तक समीक्षा: प्रभात रंजन का हालिया उपन्यास इंगित करता है कि नैतिकता का उत्स भले ही आंतरिक हो, इसके बीज पारंपरिक आख्यान, धार्मिक कथाओं और प्रेरक जीवनियों से बोए जाते हैं.
पुस्तक समीक्षा: प्रभात रंजन का हालिया उपन्यास इंगित करता है कि नैतिकता का उत्स भले ही आंतरिक हो, इसके बीज पारंपरिक आख्यान, धार्मिक कथाओं और प्रेरक जीवनियों से बोए जाते हैं.