मणिपुर सांसद ने केंद्र से पूछा, ‘क्या आप राज्य में महिलाओं और बच्चों की चीखें नहीं सुन सकते?’

मणिपुर (बाहरी) से पहली बार सांसद बने कांग्रेस के अल्फ्रेड कान-नगाम आर्थर ने संसद में केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मणिपुर में पिछले 15 महीनों से 60,000 से अधिक लोग भयानक परिस्थितियों में राहत शिविरों में रह रहे हैं. क्या आप उन महिलाओं और बच्चों की चीखें नहीं सुन सकते जो अपने घर वापस नहीं जा सकते?

मणिपुर: इंफाल में सरकारी अधिकारी के आवास पर गोलीबारी, केस दर्ज

पुलिस ने बताया कि अज्ञात हमलावरों ने 24 जुलाई रात को मणिपुर उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण (सीएएफ और पीडी) के निदेशक के आवास पर गोलीबारी की. इससे पहले राज्य में हुई हिंसा के दौरान मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं के घरों पर हमले की घटनाएं हुई हैं.

मणिपुर में हिंसा फैलाने के आरोप में यूके के प्रोफेसर पर केस दर्ज, विरोध में कुकी छात्र संगठन

यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले भारतीय मूल के एक प्रोफेसर पर मणिपुर में जातीय हिंसा भड़काने की एफआईआर की निंदा करते हुए कुकी छात्र संगठन ने कहा कि यह कार्रवाई राज्य सरकार की कमियां बताने वालों को निशाना बनाने की प्रवृत्ति को दिखाती है.

मणिपुर: मेईतेई संगठनों ने पूछा- ‘गृहयुद्ध’ जैसे हालात नियंत्रित करने के लिए किसे ज़िम्मेदार ठहराया जाए?

मेईतेई नागरिक समाज संगठनों ने 28 मई 2023 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मणिपुर दौरे से कुछ घंटे पहले 13 मेईतेई गांवों पर हुए हमलों को याद किया और सवाल उठाया कि राज्य में हिंसा को इतने लंबे समय तक जारी रहने की अनुमति क्यों दी गई.

मणिपुर: लोकसभा चुनाव में नहीं उतरेंगे कुकी-ज़ो समूह

जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में कुकी-ज़ो समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों ने कहा है कि समुदाय के सदस्यों को उनकी सलाह है कि वे भारतीय नागरिक के रूप में लोकसभा चुनाव में मतदान करके अपने मताधिकार का प्रयोग करें, लेकिन बाहरी मणिपुर सीट के लिए चुनाव लड़ने से बचें.

मणिपुर में और झड़पें, मोरेह निवासियों ने स्कूल खोलने, राज्य बलों को हटाने की मांग उठाई

मणिपुर में बीते 27 जनवरी को कुकी समुदाय के कम से कम दो लोगों की हत्या कर दी गई और खमेनलोक क्षेत्र में कई घर और चर्च जला दिए गए. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने आरोप लगाया कि दोनों मृतक अपने गांव की सुरक्षा कर रहे थे और कथित तौर पर असम राइफल्स द्वारा उन पर गोलीबारी की गई.

मणिपुर: सीएम ने धारा 355 लागू होने की पुष्टि की, विपक्ष ने गोपनीयता बरतने को लेकर निशाना साधा

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सर्वदलीय बैठक में अफ़वाहों पर विराम लगाते हुए बताया कि मई में हिंसा शुरू होने के बाद से राज्य में अनुच्छेद 355 प्रभावी है. यह अनुच्छेद केंद्र को राज्य सरकार को बर्ख़ास्त किए बिना राज्य के क़ानून-व्यवस्था को संभालने का अधिकार देता है.

मणिपुर हिंसा: मोरेह में दो पुलिसकर्मियों की हत्या, थौबल में पुलिस मुख्यालय पर भीड़ का हमला

बीते 17 जनवरी को पुलिस मुख्यालय पर हमला करने के अलावा भीड़ ने थौबल के खंगाबोक इलाके में थर्ड इंडियन रिजर्व बटालियन के परिसर को भी निशाना बनाया था. म्यांमार से लगे तेंगनौपाल ज़िले के मोरेह शहर में दो पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद यह घटना सामने आई है. इन स्थितियों को लेकर राज्य के गृह विभाग के आयुक्त ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है.

मणिपुर: थौबल गोलीबारी में मृतकों की संख्या 5 हुई, राज्य सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित की

बीते 1 जनवरी को मणिपुर के घाटी ज़िले थौबल के लिलोंग इलाके में हथियारबंद लोगों ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के संबंध में मेईतेई पंगलों (मेईतेई मुसलमानों) द्वारा गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की मांगें सरकार ने मान ली हैं, जिसके बाद समिति शवों के अंतिम संस्कार करने पर सहमत हो गई है.

मणिपुर: थौबल में ताज़ा ​​हिंसा में चार लोगों की हत्या, घाटी के 4 ज़िलों में कर्फ्यू लगाया गया

मणिपुर के घाटी क्षेत्र में स्थित थौबल ज़िले के लिलोंग इलाके में 1 जनवरी को यह हिंसा हुई. अज्ञात बंदूकधारियों छद्मवेश में पहुंचे और स्थानीय लोगों को निशाना बनाते हुए गोलीबारी शुरू कर दी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने थौबल, इंफाल पूर्व, काकचिंग और बिष्णुपुर ज़िलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया है.

मणिपुर हिंसा: सशस्त्र उपद्रवियों और पुलिस के बीच गोलीबारी के बाद मोरेह में कर्फ्यू लगाया गया

मोरेह कुकी प्रभुत्व वले तेंगनौपाल ज़िले में है, जो 3 मई को राज्य में कुकी-ज़ो और मेईतेई समुदायों के बीच भड़के जातीय संघर्ष से प्रभावित ज़िलों में से एक है. शनिवार दोपहर वहां तब हिंसा भड़क उठी, जब सशस्त्र उपद्रवियों ने पुलिस जवानों की एक टीम पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक जवान घायल हो गया.

मणिपुर: ट्राइबल फोरम ने क्रिसमस और नए साल का जश्न सीमित करने और ‘सतर्क रहने’ का आह्वान किया

कुकी-जो जनजातियों के समूह, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में लोगों से अनुरोध किया है कि वे ‘खुले तौर पर विशिष्ट’ समारोहों में शामिल न हों और सभी समुदायों और चर्चों से केवल सामान्य चर्च सेवा करने और दावतें तथा फेलोशिप कार्यक्रम आयोजित न करने के लिए कहा है.