ममता ने लेफ्ट, कांग्रेस पर लगाया दोहरा रवैया अपनाने का आरोप, विपक्ष की बैठक का करेंगी बहिष्कार

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने सोनिया गांधी द्वारा 13 जनवरी को नई दिल्ली में बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है क्योंकि मैं बुधवार को पश्चिम बंगाल में वामपंथी और कांग्रेस की हिंसा का समर्थन नहीं करती.

ट्रेड यूनियनों की हड़ताल: देश भर में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित, पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर झड़प

केंद्र की आर्थिक नीतियों को मज़दूर और जन विरोधी बताते हुए दस मज़दूर संगठनों एक दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया था. सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई के ख़िलाफ़ मज़दूर संगठनों ने प्रदर्शन किया.

भारत बंद: केंद्र ने कर्मचारियों को जारी किया सर्कुलर, कहा- धरने में शामिल होने पर होगी कार्रवाई

केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने कहा, 'अगर कोई किसी भी तरह के धरने में शामिल होता है तो सैलरी काटने के अलावा उसके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.'

8 जनवरी को ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल, 25 करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा

फीस बढ़ोतरी और शिक्षा के व्यावसायीकरण का विरोध करने के लिए छात्रों के 60 संगठनों तथा कुछ विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने भी दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित इस हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है. ट्रेड यूनियनों ने जेएनयू में हिंसा तथा अन्य विश्वविद्यालय परिसरों में इसी तरह की घटनाओं की आलोचना की है.

तिरंगा टीवी: बरखा दत्त ने कपिल सिब्बल पर लगाया कर्मचारियों का वेतन रोकने का आरोप

समाचार चैनल तिरंगा टीवी की सलाहकार संपादक बरखा दत्त ने कहा कि चैनल के प्रमोटर और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जनवरी 2019 में चैनल के कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय न्यूनतम दो साल का कार्यकाल देने की बात कही थी, अब वे इससे पीछे हट रहे हैं.

1982 की बॉम्बे कपड़ा मिल की चर्चित हड़ताल की पूर्वकथा

जनवरी 1982 में मुंबई के कपड़ा मिलों के दो लाख से ज़्यादा मज़दूर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चिकालीन हड़ताल पर गए थे. दत्ता सामंत के नेतृत्व में लगभग दो साल तक चली इस हड़ताल ने पूरे कपड़ा मिल उद्योग के साथ सरकार को भी हैरान कर दिया था. इस ऐतिहासिक हड़ताल पर लेखक हब वैन वर्श की किताब ‘द 1982-83 बॉम्बे टेक्सटाइल्स स्ट्राइक एंड द अनमेकिंग ऑफ अ लेबरर्स सिटी’ का अंश.

मोदी सरकार के आख़िरी बजट में असंगठित मज़दूरों की पेंशन योजना एक और छलावा है

नरेंद्र मोदी सरकार की पिछली कई योजनाओं की तरह यह नई योजना भी दिखाती है कि लुटियन दिल्ली असली भारत की सच्चाई से कितनी दूर है.

मोदी सरकार की ‘मज़दूर विरोधी’ नीतियों के ख़िलाफ़ ट्रेड यूनियनों की दो दिनी हड़ताल शुरू

10 केंद्रीय श्रम संघों के आह्वान पर बुलाई गई इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 20 करोड़ मज़दूरों के शामिल होने की संभावना. हड़ताली यूनियनों का कहना है कि सरकार ने श्रमिकों के मुद्दों पर उसकी 12 सूत्रीय मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया. सितंबर 2015 के बाद केंद्र सरकार ने यूनियनों से एक बार भी बात नहीं की.