मद्रास हाईकोर्ट एक वृद्धा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि डीएमके वार्ड सचिव 13 साल से अधिक समय तक उनकी भूमि पर कब्ज़ा कर रखा था. अदालत ने कहा कि राजनीतिक ताक़त का इस्तेमाल करके एक शक्तिहीन आम आदमी से ज़मीन छीनना दिनदहाड़े हुई डक़ैती के अलावा कुछ नहीं है.
आरोप है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बैजयंत पांडा की कंपनी ने क़ानून का उल्लंघन करते हुए दलितों की ज़मीन ख़रीदी थी. इसे लेकर दर्ज एफ़आईआर को ओडिशा हाईकोर्ट ने ख़ारिज करने से मना कर दिया. पांडा इससे पहले मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजद से सांसद रह चुके हैं.