निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दायर करते हुए कहा है कि अगर कोई दल या इसका सदस्य नफ़रती भाषण (हेट स्पीच) देने में संलिप्त पाया जाता है तो आयोग के पास उस राजनीतिक दल की मान्यता रद्द करने या उसके सदस्य को अयोग्य ठहराने संबंधी क़ानूनी शक्ति नहीं है.
बड़ी संख्या में नागरिकों, विशेष रूप से हाशिये के समुदायों से आने वालों को बेक़सूर होने के बावजूद एक लंबा समय जेल में बिताना पड़ा है. फिर भी कोई प्रमुख राजनीतिक दल इस मुद्दे को उठाना नहीं चाहता.