1957 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वाराणसी दक्षिणी निर्वाचन क्षेत्र से एंटी-इंकंबेंसी झेल रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ. संपूर्णानंद के सामने स्वतंत्रता सेनानी व वामपंथी नेता रुस्तम सैटिन खड़े हुए थे. हालांकि उनकी हिंदू-मुस्लिम एकता की पैरोकारी पर मुस्लिम सांप्रदायिकता की तोहमत लगाकर उन्हें हरा दिया गया.
साल 2018 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं और बीते सितंबर में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के पत्रकारों को धमकी देने के बाद से इसमें इज़ाफ़ा हुआ है. 2020 में पत्रकारों पर हमले के 17 मामले दर्ज किए हुए जबकि 2021 में अब तक ऐसे सात मामले दर्ज किए गए हैं.
लेफ्ट फ्रंट के संयोजक बिजन धर ने अगरतला में हुए कुछ हमलों को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थीं, जिसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने उन पर कथित तौर पर हिंसा भड़काने के लिए मामला दर्ज किया है. धर के अलावा माकपा के पूर्व सांसद जितेंद्र चौधरी और विधायक भानु लाल साहा के ख़िलाफ़ भी उनकी कई पोस्ट को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है.