भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वरिष्ठ वकीलों को अपने जूनियर साथियों के साथ ग़ुलामों जैसा बर्ताव नहीं करना चाहिए और उन्हें अच्छा वेतन देना चाहिए.
भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक आयोजन के दौरान कहा कि कभी-कभी क़ानून और न्याय एक ही रास्ते पर नहीं चलते हैं. क़ानून न्याय का ज़रिया हो सकता है, तो उत्पीड़न का औज़ार भी हो सकता है. क़ानून उत्पीड़न का औज़ार न बने, बल्कि न्याय का ज़रिया बने.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने ‘क़ानूनी सेवा दिवस’ के मौक़े पर राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि क़ानून में शिक्षित छात्र समाज के कमजोर और वंचित वर्गों की आवाज़ बनने के लिए सशक्त हैं.