सरकार उम्मीद कर रही है कि भौतिक ओर सामाजिक- दोनों की तरह के बुनियादी ढांचे पर उसके द्वारा किया जाने वाला बड़ा खर्च नई आय पैदा करेगा, जिससे ख़र्च भी बढ़ेगा. पूंजीगत ख़र्चे में इस बढ़ोतरी का लाभ 4-5 साल में दिखेगा, बशर्ते इसका अमल सही हो.
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, आरबीआई सहित 15 सरकारी बैंकों और संस्थाओं ने आरटीआई के माध्यम से बताया है कि उन्होंने कुल मिलाकर 349.25 करोड़ रुपये पीएम केयर्स फंड में दान किए. एलआईसी ने विभिन्न श्रेणियों के तहत अकेले सबसे अधिक 113.63 करोड़ रुपये दान में दिए हैं.
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया में सरकार की 75 फ़ीसदी हिस्सेदारी है, जिसमें से पांच फीसदी बेचने की योजना है. इससे सरकार को 1,000 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है. इससे पहले दिसंबर 2014 में भी केंद्र सरकार ने पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी.