बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की मांग है कि बिजली गिरने से होने वाली मौतों को प्राकृतिक आपदा के रूप में देखा जाए. इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद पीड़ित राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से मुआवज़ा पाने के हक़दार होंगे. एसडीआरएफ को लगभग 75 फीसदी धनराशि केंद्र से मिलती है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण विषम मौसम की घटनाओं में पिछले तीन महीने में देशभर में कम से कम 435 लोगों की मौत हो गई. इनमें आकाशीय बिजली गिरने से जान गंवाने वाले 240 लोग शामिल हैं. यह संख्या कुल हताहतों का 50 फीसदी से अधिक है. इन घटनाओं में हुई मौतों में से एक तिहाई मौत महाराष्ट्र में हुई.