महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में यह कांग्रेस का सबसे ख़राब प्रदर्शन है, जबकि भाजपा अकेले अपने दम पर बहुमत के करीब पहुँच गयी है.
शिंदे की शिवसेना 81 और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने 95 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ा था. इन दोनों दलों के बीच 53 निर्वाचन क्षेत्रों में सीधा मुकाबला था. इनमें से अधिकांश सीट पर शिंदे की पार्टी आगे चल रही है.
भाजपा 116, शिवसेना (शिंदे) 56, एनसीपी (अजित पवार) 35 सीटों पर आगे चल रही है.
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए नज़र आ रही है. चुनाव आयोग के अनुसार, झामुमो 28, कांग्रेस 15, राजद 5 और सीपीआई (एमएल-एल) 2 सीटों पर आगे है. वहीं एनडीए को 30 सीटों पर बढ़त हासिल है.
राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में संपन्न हुए मतदान में 67.74 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. राज्य में इस बार मुख्य मुक़ाबला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बन गया है.
महाराष्ट्र में मुख्य मुकाबला भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार द्वारा गठित महायुति गठबंधन और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच है, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जिसके खाते में 42 सीटें गई हैं. वहीं, भारतीय जनता पार्टी 29 सीटों पर सिमट गई है. कांग्रेस ने 6 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 7 सीटें जीती हैं.
जुलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट जीत चुकी हैं. उन्होंने भाजपा के योगेश कुमार को छह हज़ार से अधिक वोटों से हराया है.
विनेश फोगाट बलाली गांव की रहने वाली हैं जो चरखी-दादरी ज़िले के बाढड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, लेकिन वे जींद ज़िले की जुलाना विधानसभा से लड़ रही हैं.
इस बार के लोकसभा चुनाव में सिनेमा, टीवी और खेल से जुड़ी कई बड़ी हस्तियों ने बतौर उम्मीदवार हिस्सा लिया था. कुछ सितारे पहली बार राजनीति में उतरे थे, तो वहीं कई ऐसे भी हैं जिन्होंने दूसरी या तीसरी बार चुनाव में अपना भाग्य आज़माया था.
चूंकि मोदी ने यह चुनाव सिर्फ़ अपने नाम पर लड़ा था, सिर्फ़ अपने लिए वोट मांगे थे, भाजपा के घोषणापत्र का नाम भी ‘मोदी की गारंटी’ था- यह हार भी सिर्फ़ मोदी की है. उनके पास अगली सरकार के मुखिया होने का कोई अधिकार नहीं बचा है.
अगर जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) नरेंद्र मोदी का साथ छोड़ देते हैं, एनडीए संकट में आ सकती है.
आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों में से टीडीपी 135 सीटों पर जीत दर्ज की. जनसेना पार्टी 21 और भाजपा आठ सीटें जीती. वहीं, जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी केवल 11 सीटों पर सिमटकर रह गई.
ओडिशा विधानसभा में भाजपा ने 147 में से 78 सीटें जीत कर बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है, वहीं सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) 51 सीटे मिली हैं. जबाकि कांग्रेस ने 14 सीटे हासिल की हैं. नतीज़ों से साफ है कि ये पहला मौका होगा, जब ओडिशा में भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हो पाएगी.
लल्लू सिंह और ज्योति मिर्धा जैसे नेता, जो संविधान बदलने की मांग करते थे, वे अपनी-अपनी सीटों से हार गए हैं.