भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष एमिकस क्यूरी विजय हंसारिया ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ लंबित 5,097 मामलों में से 40 फ़ीसदी से अधिक (2,122 मामले) पांच साल से अधिक समय से लंबित हैं.
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान 2020-21 में क़रीब 2.5 करोड़ रुपये पूर्व और मौजूदा सांसदों की इस तरह की यात्राओं पर ख़र्च हुए हैं. इस दौरान रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों समेत विभिन्न श्रेणी के यात्रियों को दी जाने वाली कई छूट पर रोक लगा दी थी, जिससे कुछ तबकों में नाराज़गी है. वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सब्सिडी ख़त्म करने के क़दम की भी आलोचना हुई है.