विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने सरकार के इस क़दम का स्वागत किया गया है, जबकि भाजपा-राजग ने भगवान अयप्पा के भक्तों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री पिनारई विजयन से माफ़ी की मांग की है और कहा कि सबरीमला प्रदर्शन और सीएए विरोधी प्रदर्शन के मामलों को समान रूप से देखा जाना स्वीकार्य नहीं है.
सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फ़ातिमा ने एक कुकरी शो में बीफ़ के लिए ‘गोमाता’ शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसे लेकर उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज दर्ज किया गया था. इससे पहले रेहाना 2018 में सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश को लेकर चर्चा में आई थीं.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ताओं को पुनर्विचार याचिका पर फैसला आने तक इंतजार करने को कहा है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं बिंदु अम्मिनी और रेहाना फातिमा को पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर के दर्शन की अनुमति देने के बाद अयप्पा मंदिर के दर्शन करने वाली महिला कार्यकर्ता बिंदू अम्मिनी मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे महिला कार्यकर्ताओं के समूह में शामिल थीं.
उच्चतम न्यायालय ने केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के निर्णय पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली. न्यायालय इस पर अपना आदेश बाद में सुनाएगा.
सरकार के पास अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कराने का ढांचा और इरादा नहीं है तो फिर सुप्रीम कोर्ट को ही सरकार से पूछ लेना चाहिए कि हम आदेश देना चाहते हैं पहले आप बता दें कि आप लागू करा पाएंगे या नहीं.