सुप्रीम कोर्ट एक नाबालिग के अपहरण और बलात्कार के मामले में आरोपी की ओर से पेश की गई ज़मानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था. आरोपी ने अपने बचाव में पीड़िता को बालिग और अपनी पत्नी बताते हुए आर्य समाज मंदिर का विवाह प्रमाण-पत्र पेश किया था, जिसे शीर्ष अदालत ने क़ानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया.