महाराष्ट्र चुनाव महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच का मुक़ाबला है. इसके बीच स्वयं को दलित-मुस्लिम या बहुजन समुदाय की रहनुमा बताने वाले एआईएमआईएम और वंचित बहुजन अघाड़ी अपनी जगह तलाश रहे हैं.
लोकसभा चुनाव से पहले तक विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी की राह कठिन दिखाई दे रही थी, लेकिन नतीजों ने राज्य के राजनीतिक समीकरण बदल डाले. सदन में लगभग 20% विधायकों वाले एमवीए ने ‘इंडिया’ गठबंधन के तले क़रीब दो-तिहाई लोकसभा सीटें (30) जीतकर सत्तारूढ़ महायुति को चिंता में डाल दिया है.
भाजपा विधायक रवि राणा के बयान को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे राज्य की महिलाओं को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं और आगामी चुनावों में 1,500 रुपये के बदले में उनके वोट खरीदने का प्रयास किया जा रहा है.
2019 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर एनसीपी नेता अजित पवार के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप था कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के चलते 1 जनवरी 2007 से 31 दिसंबर 2017 के बीच सरकारी खज़ाने को 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.