महाराष्ट्र में बीते 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद लंबे समय से केंद्र और राज्य में गठबंधन सहयोगी भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है.
तमाम संसाधनों, समर्थक मीडिया और एकपक्षीय माहौल के बावजूद अगर महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में इस तरह के नतीजे आए हैं तो इससे एक बार फिर यह बात साबित हुई है कि चुनाव केवल मैनेजमेंट और पैसे के बल पर नहीं जीता जा सकता है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में फिल्म शोले के इस डायलॉग से देश में आर्थिक सुस्ती और त्योहारों के मौके पर बाज़ारों से ग़ायब रौनक के लिए सरकार के नोटबंदी और ग़लत तरीके से जीएसटी को लागू करने को ज़िम्मेदार बताया है.
भाजपा-शिवसेना की सत्ता में वापसी तय. सीएम के नाम को लेकर को लेकर अब तक कोई ऐलान नहीं.
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि लोगों को 288 में से 220 सीट की बात नहीं भाई. एनसीपी जनादेश को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करती है.
महाराष्ट्र कांग्रेस ने चुनाव आयोग को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में ख़राबी की 187 शिकायतें भेजी हैं. राज्य में विधानसभा की 288 सीटों पर शाम पांच बजे तक 54.53 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया.