कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: पौराणिक कल्पना में रसातल सबसे नीचे है पर कितना नीचे है इसका पता नहीं. देश की राजनीति में घटनाक्रम इतनी तेज़ी से बदलता रहता है कि लगता है कि वह नीचता के और तल पर नीचे उतर गया. रसातल अभी इतना दूर नहीं है.
पुण्यतिथि विशेष: गांधी की रामराज्य की अवधारणा कोई धार्मिक अवधारणा नहीं, बल्कि महान नैतिक मूल्यों पर आधारित और प्राचीनता व आधुनिकता दोनों की रूढ़ियों से मुक्त वैकल्पिक सभ्यता का पर्याय थी. उनके निकट धर्म भी इन्हीं महान नैतिक मूल्यों को बरतने का दूसरा नाम था.
पुणे के मॉर्डन कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स के एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी व्याख्यान होना था. कॉलेज का कहना है कि इस बारे में कई दक्षिणपंथी संगठनों से प्रदर्शनों की चेतावनी देते पत्र मिलने के बाद उन्होंने इसे रद्द कर दिया.
बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ने इकोनॉमिक टाइम्स के एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से कहा कि जब यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे. अब हम अगर आपकी खुले तौर पर आलोचना करें तो इतना विश्वास नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे.
लोकसभा में नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' कहने पर हुए विवाद के बाद भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उनके बयान को ग़लत तरह से पेश किया गया. इस बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ठाकुर के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज करवाया है.
लोकसभा में प्रज्ञा ठाकुर द्वारा नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने को भाजपा ने निंदनीय बताते हुए उन्हें रक्षा मंत्रालय की परामर्श समिति से बाहर किए जाने की बात कही. साथ ही बताया कि उन्हें इस सत्र में पार्टी की संसदीय दल की बैठकों में हिस्सा लेने की अनुमति भी नहीं होगी.
भाजपा के लोग चाहे जो दिखावा करें, लेकिन प्रज्ञा ठाकुर भारत के लिए शर्मिंदगी का सबब हैं. वे संसद और इसकी सलाहकार समिति के लिए शर्मिंदगी की वजह हैं. और निश्चित तौर पर वे अपने राजनीतिक आकाओं के लिए भी शर्मिंदगी का कारण हैं. लेकिन शायद उन्हें इस शब्द का मतलब नहीं पता.
क्या ऐसा शख़्स, जिसने अंग्रेज़ सरकार के पास माफ़ीनामे भेजे, जिन्ना से पहले धर्म के आधार पर राष्ट्र बांटने की बात कही, भारत छोड़ो आंदोलन के समय ब्रिटिश सेना में हिंदू युवाओं की भर्ती का अभियान चलाया, भारतीयों के दमन में अंग्रेज़ों का साथ दिया और देश की आज़ादी के अगुआ महात्मा गांधी की हत्या की साज़िश का सूत्रसंचालन किया, वह किसी भी मायने में भारत रत्न का हक़दार होना चाहिए?
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने सावरकर की याद में डाक टिकट जारी किया था.
मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित एक स्कूल के छात्रों ने 2 अक्टूबर को गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर एक लघु नाटक का मंचन किया. इस दौरान महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को आरएसएस की वेशभूषा में दिखाया गया था. केस दर्ज होने के बाद स्कूल ने माफी मांग ली है.
क्या हम एक राष्ट्र के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह उम्मीद कर सकते हैं कि वो गोडसे के विचारों की निंदा करेंगे. क्या मोदी और भाजपा यह कह सकेंगे कि वो गोडसे की विचारधारा से सहमति नहीं रखते.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘यह बेहद निंदनीय है. हम ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. बापू राष्ट्रपिता हैं और लोग पसंद नहीं करेंगे अगर कोई इस तरह से गोडसे के बारे में बात करता है.’
शांति के क्षेत्र में नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी लेकिन प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोग गांधी की आत्मा की हत्या कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था कि नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, देशभक्त हैं और रहेंगे. उन्हें आतंकी बोलने वाले लोग ख़ुद के गिरेबां में झांककर देखें, अबकी बार चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा.
‘नाथूराम गोडसेजी देशभक्त थे, हैं और रहेंगे’, ‘हिंदूपन की नई प्रतीक’ प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान के बाद जो शोर उठा, उसके बाद के घटनाक्रम पर ध्यान देने से कुछ दिलचस्प बातें उभर कर आती हैं.