वीडियो: बीते सालों में भारतीय दवाओं की गुणवत्ता पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठे हैं. देश में भी दूषित या मिलावटी दवा के चलते मौत की घटनाएं देखी गई हैं. ऐसे में सरकार दवाओं के विनियमन और इनकी मानक गुणवत्ता बनाए रखने के लिए क्या करती है? कैसे काम करता है भारत का ड्रग रेगुलेशन सिस्टम?
अक्टूबर 2022 में डब्ल्यूएचओ ने बताया था कि हरियाणा की मेडन फार्मास्युटिकल्स द्वारा बनाई गईं खांसी की चार दवाओं में डायथिलिन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल नामक पदार्थ पाए गए हैं, जो मनुष्यों के लिए ज़हरीले माने जाते हैं और इससे गांबिया में 66 बच्चों की मौत हुई है. हालांकि, भारत ने अपनी जांच में दवा निर्माता कंपनी को क्लीनचिट दे दी थी.