मालेगांव बम धमाके के अन्य मुख्य आरोपियों को उच्च न्यायालय और शीर्ष अदालत जमानत दे चुका है.
दोनों पर बम धमाकों की साजिश के लिए हुई बैठकों में शामिल होने का आरोप है.
एनआईए ने पुरोहित को ज़मानत देने का विरोध करते हुए कहा था कि उनके पास पुरोहित के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत हैं.