भारत में 14 लाख से अधिक बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित: सरकार

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि मिशन पोषण 2.0 के पोषण ट्रैकर के तहत फरवरी 2023 में मापे गए लगभग 5.6 करोड़ बच्चों में से 2.6 प्रतिशत गंभीर रूप से कुपोषित हैं. कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 7.7 पाया गया जो संख्या में लगभग 43 लाख होता है. 

भारत में 33 लाख से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार, 17.7 लाख अत्यंत कुपोषित: सरकारी आंकड़े

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़, देश में 17.76 लाख बच्चे अत्यंत कुपोषित तथा 15.46 लाख बच्चे अल्प कुपोषित हैं. कुपोषित बच्चों वाले राज्यों में महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात शीर्ष पर हैं.

पिछले साल नवंबर तक 9.27 लाख गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान हुई: आरटीआई

सूचना का अधिकार के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल नवंबर तक देश में छह महीने से छह साल तक के क़रीब 927,606 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान की गई. इनमें से सबसे ज़्यादा 398,359 बच्चों की उत्तर प्रदेश में और 279,427 की बिहार में पहचान की गई. ये आंकड़े उन चिंताओं पर ज़ोर डालते हैं कि कोविड-19 महामारी ग़रीब तबकों के बीच स्वास्थ्य एवं पोषण के संकट को और बढ़ा सकती है.

2015-2019 में देश के प्रमुख राज्यों में बच्चों में कुपोषण की स्थिति बिगड़ीः रिपोर्ट

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 12 दिसंबर को जारी किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-2020 के पहले चरण के आंकड़े बताते हैं कि कई राज्यों में स्वच्छता में सुधार और ईंधन एवं पीने योग्य साफ पानी तक बेहतर पहुंच के बावजूद बच्चों में कुपोषण का स्तर तेजी से बढ़ा है.

हर दिन 92 बच्चों की मौत के बावजूद मध्य प्रदेश में कुपोषण चुनावी मुद्दा क्यों नहीं है?

ग्राउंड रिपोर्ट: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2016 से जनवरी 2018 के बीच राज्य में 57,000 बच्चों ने कुपोषण के कारण दम तोड़ दिया था. कुपोषण की वजह से ही श्योपुर ज़िले को भारत का इथोपिया कहा जाता है.