कर्नाटक: भाजपा ने चुनावी घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता और एनआरसी का वादा किया

समान नागरिक संहिता 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के प्रमुख चुनावी वादों में शुमार था. 2022 के अंत में हुए गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा के प्रमुख मुद्दों में समान नागरिक संहिता को लागू करना शामिल था.

बेगूसराय सीट से हारे कन्हैया कुमार, गिरिराज सिंह 4 लाख से अधिक मतों से जीते

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: गिरिराज सिंह को बेगूसराय में डाले गए कुल 12.17 लाख मतों में से 6.88 लाख वोट मिले, वहीं जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार को कुल 2.68 लाख वोट मिले. 1.97 लाख वोटों के साथ राजद नेता और महागठबंधन उम्मीदवार तनवीर हसन तीसरे स्थान पर रहे.

अमेठी में राहुल गांधी ने हार स्वीकारी, स्मृति ईरानी को दी बधाई

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: कांग्रेस की परंपरागत सीटों में से एक अमेठी में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से 35 हज़ार वोट से आगे चल रही हैं.

राजस्थान: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से दो लाख वोटों से पीछे

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: राजस्थान के जोधपुर में 2014 के लोकसभा चुनाव में गजेंद्र सिंह शेखावत ने 4.10 लाख वोट से जीत हासिल की थी. हालांकि, चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में जोधपुर संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा सीट में से कांग्रेस ने 6 पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा के खाते में महज दो सीट ही आ पाई थी.

मध्य प्रदेश: भोपाल सीट से प्रज्ञा ठाकुर 3,23,000 वोटों से आगे

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: प्रज्ञा ठाकुर के निर्णायक बढ़त लेने के बाद दिग्विजय सिंह ने अपनी हार स्वीकार कर ली. उन्होंने कहा कि मैं जनादेश को स्वीकार करता हूं.

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: रुझानों में एनडीए को बहुमत के आसार, 100 सीटों के पार जाएगी यूपीए

प्रमुख उम्मीदवारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से आगे चल रहे हैं जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के वायनाड सीट से आगे चल रहे हैं. हालांकि राहुल गांधी अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से पीछे चल रहे हैं जहां उनका मुकाबला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से है.

पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रचार और रैली पर रोक लगाई

उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने बताया कि देश के इतिहास में संभवतया यह पहला मौका है जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनज़र चुनाव प्रचार में कटौती करनी पड़ी हो.