67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के लिए निर्देशक प्रियदर्शन की मलयालम फिल्म 'मरक्कर: अरबिकाडालिन्ते सिंहम' को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, संजय पूरन सिंह चौहान को हिंदी फिल्म 'बहत्तर हूरें' के लिए सर्वोत्तम निर्देशक का पुरस्कार दिया गया है. सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म 'छिछोरे' को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म के तौर पर चुना गया.
बॉलीवुड भले ही अवसरवादी और रीढ़विहीन नज़र आता हो लेकिन अलग-अलग नज़रिया रखने वाले इसके सदस्य अपने देश की मार्केटिंग और उससे पैसे बनाने के मामले में एक-दूसरे से कोई मतभेद रखते नहीं दिखते.
राजस्थान में सर्व ब्राह्मण महासभा फिल्म में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को एक विदेशी की प्रेमिका बताए जाने को लेकर फिल्म का विरोध कर रही है. करणी सेना के संयोजक ने कहा कि अगर ब्राह्मण का ख़ून बहेगा तो राजपूत क्या चुप रहेगा.