मणिपुर हिंसा: मोरेह में दो पुलिसकर्मियों की हत्या, थौबल में पुलिस मुख्यालय पर भीड़ का हमला

बीते 17 जनवरी को पुलिस मुख्यालय पर हमला करने के अलावा भीड़ ने थौबल के खंगाबोक इलाके में थर्ड इंडियन रिजर्व बटालियन के परिसर को भी निशाना बनाया था. म्यांमार से लगे तेंगनौपाल ज़िले के मोरेह शहर में दो पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद यह घटना सामने आई है. इन स्थितियों को लेकर राज्य के गृह विभाग के आयुक्त ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है.

मणिपुर: चार लोगों के लापता होने के एक दिन बाद पिता-पुत्र समेत तीन लोग मृत पाए गए

मणिपुर के बिष्णुपुर ज़िले के एक गांव से बीते 10 जनवरी को मेईतेई समुदाय के चार लोगों के लापता हो गए थे. इनमें से तीन लोगों के शव मिलने के बाद चौथे व्यक्ति की तलाश की जा रही है. 3 मई 2023 को राज्य में मेईतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.

मणिपुर: मोरेह शहर में हिंसा की रिपोर्ट के लिए एक सप्ताह के भीतर दूसरा संपादक गिरफ़्तार

मणिपुर की राजधानी इंफाल के एक दैनिक अख़बार के संपादक धनबीर माईबाम को मोरेह शहर में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था पर एक लेख प्रकाशित करने के लिए समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. इससे पहले 29 दिसंबर 2023 को स्थानीय भाषा के एक सांध्य दैनिक के प्रधान संपादक को गिरफ़्तार किया गया था.

मणिपुर: थौबल गोलीबारी में मृतकों की संख्या 5 हुई, राज्य सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित की

बीते 1 जनवरी को मणिपुर के घाटी ज़िले थौबल के लिलोंग इलाके में हथियारबंद लोगों ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के संबंध में मेईतेई पंगलों (मेईतेई मुसलमानों) द्वारा गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की मांगें सरकार ने मान ली हैं, जिसके बाद समिति शवों के अंतिम संस्कार करने पर सहमत हो गई है.

एनएचआरसी ने पिछले महीने 13 लोगों की हत्या पर मणिपुर सरकार को नोटिस जारी किया

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पिछले महीने जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक ही घटना में 13 लोगों की हत्या का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस घटना को ‘ख़तरनाक और परेशान करने वाला’ बताया है. बीते 4 दिसंबर को म्यांमार सीमा के क़रीब मणिपुर के तेंगनौपाल ज़िले में भीषण गोलीबारी के बाद कम से कम 13 लोगों के शव मिले थे.

मणिपुर: थौबल में ताज़ा ​​हिंसा में चार लोगों की हत्या, घाटी के 4 ज़िलों में कर्फ्यू लगाया गया

मणिपुर के घाटी क्षेत्र में स्थित थौबल ज़िले के लिलोंग इलाके में 1 जनवरी को यह हिंसा हुई. अज्ञात बंदूकधारियों छद्मवेश में पहुंचे और स्थानीय लोगों को निशाना बनाते हुए गोलीबारी शुरू कर दी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने थौबल, इंफाल पूर्व, काकचिंग और बिष्णुपुर ज़िलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया है.

मणिपुर हिंसा: सशस्त्र उपद्रवियों और पुलिस के बीच गोलीबारी के बाद मोरेह में कर्फ्यू लगाया गया

मोरेह कुकी प्रभुत्व वले तेंगनौपाल ज़िले में है, जो 3 मई को राज्य में कुकी-ज़ो और मेईतेई समुदायों के बीच भड़के जातीय संघर्ष से प्रभावित ज़िलों में से एक है. शनिवार दोपहर वहां तब हिंसा भड़क उठी, जब सशस्त्र उपद्रवियों ने पुलिस जवानों की एक टीम पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक जवान घायल हो गया.

मणिपुर: मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मिज़ोरम के सीएम से कहा- हमारे आंतरिक मामलों से दूर रहें

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की यह प्रतिक्रिया मिज़ोरम के नए मुख्यमंत्री लालदुहोमा की उस टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने मणिपुर पुलिस से सीमावर्ती शहर मोरेह में रहने वाले कुकी-ज़ो लोगों को परेशान न करने के लिए कहा था. उन्होंने जोड़ा था कि मणिपुर में कुकी समुदाय से अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा.

मणिपुर जातीय हिंसा: राज्य में 200 से अधिक दिन से इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी

मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद बीते 3 मई से मोबाइल इंटरनेट पूरी तरह या आंशिक रूप से निलंबित कर दिया गया है. बीते सितंबर महीने में इंटरनेट को तीन दिनों के लिए बहाल किया गया था, लेकिन फिर से प्रतिबंध लागू कर दिया गया.

गृह मंत्रालय ने सात मेईतेई ‘चरमपंथी’ संगठनों और उनके सहयोगियों पर 5 साल का प्रतिबंध बढ़ाया

मणिपुर में चल रहे संकट के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सात ‘मेईतेई चरमपंथी संगठनों’ और उनके सहयोगियों पर यूएपीए के तहत प्रतिबंध बढ़ाने की अधिसूचना में कहा गया है कि इनका कथित उद्देश्य सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से मणिपुर को भारत से अलग करना और इस तरह के अलगाव के लिए मणिपुर के स्थानीय लोगों को उकसाना है.

मणिपुर हिंसा के कारण पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ छात्रों ने प्रदर्शन किया

मणिपुर के चुराचांदपुर शहर में आदिवासी छात्रों ने अपनी शिक्षा पर पड़ रहे हिंसा के कुप्रभाव को लेकर धरना दिया. छात्रों ने राज्य और केंद्र पर कुकी और ज़ो समुदाय के छात्रों की शिक्षा के प्रति लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपनी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ हैं, क्योंकि सरकार उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने में विफल रही है.

इस दीपावली पर मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों का भी स्मरण करें

आप अपने घर-परिवार में दीपावली मनाते समय मणिपुर में जारी हिंसा में मारे गए लोगों को याद करें कि आज उनके यहां यह त्योहार कैसे मन रहा होगा? क्या शेष भारत को इस उत्सव मनाते समय नहीं सोचना चाहिए कि उसके अपने ही बंधु-बांधव किस स्थिति में हैं. हमारा कर्तव्य और धर्म बनता है कि उनकी पीड़ा को महसूस करें.

मणिपुर हिंसा: हथियारबंद भीड़ ने सैनिक के परिजनों समेत पांच जनजातीय लोगों का अपहरण किया

मणिपुर के कांगपोकपी ज़िले के कांगचुप चिंगखोंग गांव के पास एक सुरक्षा चौकी पर हथियारबंद भीड़ ने कुकी-ज़ोमी समुदाय के पांच सदस्यों का अपहरण कर लिया. इनमें से चार एक सैनिक के परिजन हैं. घटना में घायल सैनिक के 65 वर्षीय पिता को सुरक्षा बलों ने बचा लिया, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

मणिपुर हिंसा: राज्य सरकार ने इंटरनेट पर प्रतिबंध को 31 अक्टूबर तक बढ़ाया

मणिपुर में 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसे 23 सितंबर को कुछ समय के लिए बहाल किया गया था, लेकिन 26 सितंबर को दो लापता युवाओं के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनज़र फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया.