इसमें कोई शक नहीं कि रामायण और महाभारत जैसी मिथकीय गाथाओं का भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन पर कहीं व्यापक असर पड़ा, मगर जो मानक बुनियाद ने बनाया, उसे फिर नहीं बनाया जा सका.
साहित्य सम्मेलनों में फिल्मी हस्तियों की भरमार पर मशहूर कथाकार चित्रा मुद्गल नाराज़.