दरभा हत्याकांड को लेकर छत्तीसगढ़ की एजेंसियों और एनआईए के बीच केस फाइलों और रिकॉर्ड को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. साल 2013 में सुकमा की दरभा घाटी में माओवादियों के हमले में छत्तीसगढ़ में लगभग पूरे कांग्रेस नेतृत्व का सफाया हो गया था. इस हमले में महेंद्र कर्मा, नंद किशोर पटेल और विद्या चरण शुक्ल की मौत हो गई थी.
कोई भी राजनीतिक आंदोलन, जो लोगों के जीवन में बदलाव लाने का दावा करता है, उसका लोकतांत्रिक होना बहुत ज़रूरी है.