आयोजकों के अनुसार, कवि यशवंत मनोहर को विदर्भ साहित्य संघ द्वारा दिए जाने वाले जीवनव्रती पुरस्कार के लिए चुना गया था, लेकिन आखिरी मिनटों में इसे अस्वीकार करने की जानकारी दी. आयोजकों ने कहा कि यह हमारे लिए अस्वीकार्य था, इसलिए हमने उन्हें पुरस्कार नहीं देने का फैसला किया.