द वायर और लाइव लॉ के सहयोग से कैंपेन फॉर ज्युडिशियल एकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स द्वारा आयोजित एक सेमिनार में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन लोकुर ने कहा कि आज की तारीख़ में ऐसी धारणा बन चुकी है कि अगर कोई केस फलां पीठ के समक्ष गया है, तो नतीजा क्या होगा.
वकील दुष्यंत दवे और याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने उस तरीके पर सवाल उठाए जिस तरीके से नियमों को ताक पर रखकर कुछ ख़ास पीठों को संवेदनशील मामले आवंटित किए जा रहे हैं.