असम के मटिया में डिटेंशन सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में असम राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसकी 'दयनीय स्थिति' पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत दुखद स्थिति है. यहां पानी की आपूर्ति नहीं है, शौचालय नहीं हैं, चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दो साल से अधिक समय से हिरासत में लिए गए विदेशी नागरिकों की रिहाई संबंधी एक याचिका पर सुनते हुए असम राज्य क़ानूनी सेवा प्राधिकरण से सवाल किया है कि ऐसे नागरिकों को उनके देश वापस भेजने के लिए भारत सरकार क्या नीति या प्रक्रिया अपनाती है.
असम के जेल महानिरीक्षक ने बताया कि सिलचर डिटेंशन केंद्र से 87 क़ैदियों के अंतिम समूह को केंद्र के निर्देश पर बने देश के सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर- मटिया ट्रांजिट कैंप ले जाया गया है. अब से राज्य की छह जेलों- कोकराझार, गोआलपाड़ा, तेजपुर, सिलचर, डिब्रूगढ़ और जोरहाट में बने डिटेंशन केंद्र अस्तित्व में नहीं रहेंगे.
असम में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल द्वारा 'विदेशी' घोषित किए गए और अदालत द्वारा वीज़ा उल्लंघन के दोषी ठहराए गए 45 पुरुष, 21 महिलाएं और दो बच्चों को गोआलपाड़ा में केंद्र के निर्देश पर बने देश के सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर- मटिया ट्रांजिट कैंप में भेजा गया है.