वीडियो: भारत में सिर्फ़ पत्रकार ही नहीं बल्कि विपक्षी दल के नेताओं के फ़ोन पर भी नज़र रखी जा रही थी. पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर और इसके मीडिया पार्टनर इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कम से कम दो मोबाइल फ़ोन भारत के उन 300 प्रमाणित नंबरों की सूची में शामिल हैं, जिनकी निगरानी करने के लिए इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के एक भारतीय क्लाइंट द्वारा पेगासस स्पायवेयर का इस्तेमाल करने
पेगासस प्रोजेक्ट: एनएसओ ग्रुप के ग्राहक देशों द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबरों का लीक डेटा बताता है कि कम से कम एक शाही परिवार प्रमुख और वर्तमान में कार्यरत तीन राष्ट्रपतियों व तीन प्रधानमंत्रियों को पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये होने वाली संभावित हैकिंग के लिए चुना गया था.
पेगासस प्रोजेक्ट: द वायर द्वारा प्राप्त किए गए लीक हुए नंबरों के डेटाबेस में केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने वाले ऐसे लोगों के नंबर दर्ज हैं, जिन संभावित सर्विलांस की योजना बनाई गई थी.
पेगासस प्रोजेक्ट: रिकॉर्ड्स दिखाते हैं कि 2019 में कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरने से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी व पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों के फोन नंबर को संभावित हैकिंग के टारगेट के बतौर चुना गया था.
पेगासस स्पायवेयर बनाने वाले इज़रायल के एनएसओ समूह के सह-संस्थापक शैलेव हुलियो ने पेगासस संबंधी जासूसी से जुड़े मानवाधिकार हनन के आरोपों पर कहा है कि वे हर आरोप की जांच कर रहे हैं और अगर इन्हें सच पाया गया, तो वे कड़ी कार्रवाई करेंगे.
इज़रायली स्पायवेयर पेगासस के ज़रिये राहुल गांधी समेत कई प्रमुख हस्तियों, पत्रकारों आदि की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मामले को लेकर कांग्रेस के अलावा अन्य दलों ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है. सरकार ने अपने स्तर पर ख़ास लोगों पर निगरानी रखने संबंधी आरोपों को ख़ारिज किया है. भाजपा ने कहा कि पेगासस से पार्टी या सरकार को जोड़े जाने का एक भी साक्ष्य नहीं है. अमित
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, मुंबई प्रेस क्लब और इंडियन वीमेन प्रेस कॉर्प्स ने पत्रकारों, नेताओं और अन्य की जासूसी किए जाने की निंदा की है. द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा की गई पड़ताल दिखाती है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों, स्तंभकारों, क्षेत्रीय मीडिया के साथ हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, द वायर, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे, द पायनियर जैसे राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया गया था.
पत्रकारों, नेताओं और अन्य की जासूसी किए जाने की द वायर और 16 अन्य मीडिया सहयोगियों के खुलासे पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने कहा कि पत्रकार और मानवाधिकार रक्षक हमारे समाज में एक अनिवार्य भूमिका निभाते हैं और जब उन्हें चुप कराया जाता है, तो हम सभी पीड़ित होते हैं.
पेगासस प्रोजेक्ट: सर्विलांस की सूची में विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पूर्व ओएसडी और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निजी सचिव का नंबर भी मिला है.
पेगासस प्रोजेक्ट: सर्विलांस के लिए न केवल राहुल गांधी बल्कि उनके पांच दोस्तों और पार्टी के मसलों पर उनके साथ काम करने वाले दो क़रीबी सहयोगियों के फोन भी चुने गए थे.
पेगासस प्रोजेक्ट: द वायर द्वारा एक्सेस किए गए लीक डेटा से पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी और उनके परिवार द्वारा इस्तेमाल किए गए 11 नंबरों को एक अज्ञात आधिकारिक एजेंसी द्वारा पेगासस स्पायवेयर द्वारा हैकिंग के टारगेट के बतौर चुना गया था.
पेगासस प्रोजेक्ट: पेगासस स्पायवेयर के इस्तेमाल को लेकर सामने आया लीक डेटा इस बात का पुख़्ता प्रमाण है कि भारत में इस स्पायवेयर का इस्तेमाल एक अज्ञात एजेंसी द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों की राजनीतिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है.
वीडियो: द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा की गई पड़ताल दिखाती है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों, स्तंभकारों, क्षेत्रीय मीडिया के साथ हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, द वायर, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे, द पायनियर जैसे राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया गया था. इस मुद्दे पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन के अपार गुप्ता से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
पेगासस प्रोजेक्ट: 40 से ज़्यादा पत्रकारों, तीन प्रमुख विपक्षी नेताओं, नरेंद्र मोदी सरकार में दो पदासीन मंत्री, न्यायपालिका से जुड़े लोगों, कारोबारियों, सरकारी अधिकारियों, अधिकार कार्यकर्ताओं सहित 300 से अधिक भारतीयों की इज़राइल के एक सर्विलांस तकनीक से जासूसी कराने की ख़बरों को देश की हिंदी पट्टी के प्रमुख अख़बारों ने या तो छापा नहीं है या इस ख़बर को महत्व नहीं दिया है.
अफ़ग़ानिस्तान के कंधार ज़िले में स्पिन बोल्डक के मुख्य बाज़ार क्षेत्र पर फ़िर से क़ब्ज़ा करने के लिए अफ़ग़ान विशेष बल तालिबान आतंकियों के साथ लड़ रहे थे, जब समाचार एजेंसी रॉयटर्स के फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी और एक वरिष्ठ अफ़ग़ान अधिकारी मारे गए. बीते कुछ दिनों से यहां पर भीषण लड़ाई चल रही है. देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच सरकार और तालिबान लड़ाकों के बीच लड़ाई तेज़ हो गई है.