जब इस दौर का इतिहास लिखा जाएगा, नफ़रत का माहौल बनाने में मीडिया की भूमिका का ज़िक्र ख़ासतौर पर होगा.
द वायर हिंदी के दो साल पूरे होने पर आयोजित द वायर डायलॉग्स में पत्रकार रवीश कुमार से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद किस तरह मीडिया असली मुद्दे से हटकर राजनीति करने पर ज़्यादा ध्यान दे रहा है, मीडिया बोल की 87वीं कड़ी में उर्मिलेश वकील एमएम अंसारी और वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा से इस बारे में चर्चा कर रहे हैं.
न्यूज़ चैनलों की देशभक्ति से सावधान रहिए. अपनी देशभक्ति पर भरोसा कीजिए. जो चैनल देश की सरकार से सवाल नहीं पूछ सकते वे पाकिस्तान से पूछ रहे हैं. सेना अपने जवानों से कहे कि न्यूज़ चैनल न देखें वरना गोली चलाने की जगह हंसी आने लगेगी. चैनलों के जोकरों को देखकर मोर्चे पर नहीं निकलना चाहिए.
मीडिया बोल की 85वीं कड़ी में उर्मिलेश रफाल विवाद और मायावती बनाम मीडिया पर कॉमन कॉज़ के निदेशक विपुल मुद्गल, पत्रकार स्मिता गुप्ता और अजय आशीर्वाद से चर्चा कर रहे हैं.
चैनल द्वारा कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत से जुड़े कुछ दस्तावेज प्रसारित किए गए थे. थरूर ने यह दस्तावेज पुलिस के पास होने की बात कहते हुए चैनल पर दस्तावेज चोरी करने का आरोप लगाया है.
गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि मीडिया में यौन उत्पीड़न पीड़ितों के नाम प्रकाशित नहीं किया जा सकता है. परिजनों की अनुमति के बाद भी ऐसा नहीं किया जा सकता है.
मीडिया बोल की 83वीं कड़ी में उर्मिलेश भारतीय मीडिया पर कारवां मैगज़ीन के राजनीतिक संपादक हरतोष सिंह बल वरिष्ठ पत्रकार अनंत बागाईतकर और न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी वेबसाइट के संपादक अतुल चौरसिया से चर्चा कर रहे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुरी पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम के क़ैद की निंदा करते हुए लिखा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बुरी ताकतें हिंसा फैला रही हैं, जबकि राज्य से जवाबदेही लेने वालों को जेल की सज़ा हो रही है.'
मीडिया बोल की 82वीं कड़ी में उर्मिलेश सवर्ण आरक्षण पर द हिंदू की पत्रकार पूर्णिमा जोशी जेएनयू के प्रोफेसर विवेक कुमार और सुप्रीम कोर्ट की वकील अवनि बंसल से चर्चा कर रहे हैं.
पुण्यतिथि विशेष: पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्यामा प्रसाद ‘प्रदीप’ का सिद्धांत था, ‘पत्रकार को नौकरी बचाने के फेर में पड़े बिना ही काम करना चाहिए वरना पत्रकारिता छोड़ कुछ और करना चाहिए.’
संस्थाएं ग़ुलाम हो चुकी हैं. मीडिया बाकायदा गोदी मीडिया हो चुका है, सब कुछ आपकी आंखों के सामने मैनेज होता दिख रहा है, फिर भी अमित शाह को क्यों डर लगता है कि 2019 में हार गए तो ग़ुलाम हो जाएंगे? क्या वे भाजपा के कार्यकर्ताओं को डरा रहे हैं? जीत के प्रति जोश भरने का यह कौन-सा तरीक़ा हुआ कि हार जाएंगे तो ग़ुलाम हो जाएंगे?
मीडिया बोल की 81वीं कड़ी में उर्मिलेश नरेंद्र मोदी के साक्षात्कार, मणिपुर में पत्रकार की गिरफ़्तारी और सबरीमाला मंदिर में हड़ताल कवर करने गई कैमरापर्सन शजिला से आंदोलनकारियों के दुर्व्यवहार पर हिंदुस्तान टाइम्स के पॉलिटिकल एडिटर विनोद शर्मा, द ट्रिब्यून की डिप्टी एडिटर स्मिता शर्मा और वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता से चर्चा कर रहे हैं.
मीडिया बोल की 80वीं कड़ी में उर्मिलेश नोएडा में पुलिस ने पार्क में नमाज़ पढ़ने पर रोक, अमरोहा में पकड़े गए कथित आतंकी और मेघालय की खदान में फंसे मज़दूरों पर इंडियन एक्सप्रेस के सीनियर असिस्टेंट एडिटर दीप्तिमान तिवारी और मानवाधिकार कार्यकर्ता मोहम्मद आमिर से चर्चा कर रहें हैं.
मीडिया बोल की 79वीं कड़ी में उर्मिलेश मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम की गिरफ़्तारी, सरकार द्वारा लोगों के कम्प्यूटरों की निगरानी और अंबानी घराने में हुई शादी पर वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमड़िया, वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती और वरिष्ठ पत्रकार शीतल प्रशाद सिंह से चर्चा कर रहे हैं.