दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी उन पांच छात्रों की अपील को ख़ारिज करते हुए की, जिन्हें 2016 में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित केंद्रीकृत काउंसलिंग में शामिल हुए बगैर ही भोपाल के एक मेडिकल कॉलेज द्वारा प्रवेश दिया गया था. अदालत ने कहा कि लाखों छात्र योग्यता के आधार पर शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. अब समय आ गया है कि संस्थानों में बैकडोर एडमिशन बंद हों.
भारतीय चिकित्सा परिषद ने कहा है कि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से अधिकृत जम्मू कश्मीर और लद्दाख के मेडिकल कॉलेजों को परिषद द्वारा मान्यता नहीं दी गई है, जिसके कारण यहां से से शिक्षा पाने वाले लोग देश में आधुनिक चिकित्सा की प्रैक्टिस के लिए पंजीकरण हासिल करने के योग्य नहीं हैं.
सीबीआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के जस्टिस नारायण शुक्ला के साथ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएम कुद्दूसी, प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के भगवान प्रसाद यादव और पलाश यादव, ट्रस्ट तथा दो अन्य भावना पांडेय और सुधीर गिरि को मेडिकल कॉलेज रिश्वत घोटाला मामले में नामज़द किया है.
कांग्रेस, द्रमुक और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने विधेयक को अलोकतांत्रिक बताया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि यह विधेयक गरीब और छात्र विरोधी है तथा मौजूदा संस्करण में सिर्फ दिखावटी बदलाव किए गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बिहार में 28,391 लोगों पर एक डॉक्टर. देश में डॉक्टरों की कमी के चलते मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीजों की तादाद एक साल में दोगुनी. कैंसर के मामलों में 36 फीसदी बढ़ोतरी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि 1,000 की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए लेकिन भारत में 11,082 की आबादी पर एक डॉक्टर है. देश में पांच लाख डॉक्टरों की कमी है. एम्स जैसे संस्थानों में पढ़ाने वाले डॉक्टर शिक्षकों की 70 फीसदी कमी है. इस हक़ीक़त पर पर्दा डालने के लिए योग का प्रोपेगैंडा करना ही होगा.
मुख्य न्यायाधीश के बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा है कि न्यायपालिका की हर समस्या का जवाब महाभियोग नहीं है.
अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने न्यायाधीशों के चयन में केंद्र सरकार की ओर से अपनाए गए तौर-तरीकों पर सवाल उठाए.
मनचाहे फैसले के लिए 'प्रसाद तो लगेगा. हम प्रसाद देंगे, प्रसाद तो देना ही है.' सीबीआई द्वारा हासिल टेप में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने वालों को यह कहते सुना जा सकता है.
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक 2017 (मेडिकल बिल) को विचार के लिए संसद की स्थायी समिति को भेज दिया है.
भारतीय वन सेवा के अधिकारी और ह्विसिलब्लोअर के अनुसार, भ्रष्टाचार के मामलों में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.
कुछ मेडिकल कॉलेजों के एडमिशन पर रोक लगाई गई थी. कॉलेज घूस देकर फैसला बदलवाना चाहते थे. इसमें इंडिया टीवी के पत्रकार हेमंत शर्मा का नाम आया था.
भारतीय चिकित्सा परिषद ने डॉक्टरों को पर्ची पर दवाओं के नाम स्पष्ट और बड़े अक्षरों में लिखने की निर्देश दिया.