विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि 1,000 की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए लेकिन भारत में 11,082 की आबादी पर एक डॉक्टर है. देश में पांच लाख डॉक्टरों की कमी है. एम्स जैसे संस्थानों में पढ़ाने वाले डॉक्टर शिक्षकों की 70 फीसदी कमी है. इस हक़ीक़त पर पर्दा डालने के लिए योग का प्रोपेगैंडा करना ही होगा.
राजस्थान सरकार द्वारा आवश्यक सेवाएं रखरखाव अधिनियम लागू कर 86 डॉक्टरों को गिरफ्तार किए जाने के बाद राज्य के डॉक्टरों की हड़ताल का एम्स के डॉक्टरों ने समर्थन किया.
स्वास्थ्य राज्यमंत्री की ओर से पेश आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2015-16 में 1.4 फीसदी और वर्ष 2014-15 में 1.2 फीसदी राशि स्वास्थ्य पर ख़र्च हुई.
संसद की समिति ने पाया कि भारत में हृदय रोग के चार हज़ार डॉक्टर हैं जबकि इनकी संख्या 88 हज़ार होनी चाहिए.