सवाल सेहत का: स्वास्थ्य का अधिकार आईसीयू में

वीडियो: देश में स्वास्थ्य तक पहुंच एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन जो चीज़ इसे सुनिश्चित करती हैं, वह स्वास्थ्य देखभाल को विनियमित करने वाले विभिन्न अधिकार और कानून हैं. ‘सवाल सेहत का’ की इस कड़ी में ऐसे ही क़ानूनों के बारे में जानकारी दी गई है, जो या तो अस्तित्व में नहीं हैं या अगर मौजूद हैं, तो उन्हें ठीक से लागू नहीं किया जाता है.

मणिपुर हिंसा: क्या गृह मंत्री द्वारा राज्य के निवासियों से किए गए वादे पूरे हुए हैं?

वीडियो: मई में मणिपुर में छिड़ी हिंसा के महीनेभर बाद वहां पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने इंफाल पहुंचने में असमर्थ कुकी लोगों को उनके क्षेत्र में केंद्र द्वारा मेडिकल सुविधा देने का वादा किया था. हालांकि, चूड़ाचांदपुर के राहत कैंपों के इंचार्ज बताते हैं कि अगस्त के अंतिम हफ्ते तक केंद्र की तरफ से कोई मेडिकल मदद नहीं पहुंची.

आयुर्वेद चिकित्सकों को एलोपैथी डॉक्टरों के बराबर नहीं मान सकते: सुप्रीम कोर्ट

2012 में गुजरात हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा था कि मेडिसिन और सर्जरी में बैचलर ऑफ आयुर्वेद की डिग्री रखने वाले डॉक्टरों को एमबीबीएस डॉक्टरों के बराबर माना जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द करते हुए कहा कि चिकित्सकों की यह दोनों श्रेणियां समान वेतन की हक़दार होने के लिए समान काम नहीं कर रही हैं.

बड़े सरकारी दावों के बीच मोदी राज में बना एक भी एम्स पूरी तरह काम नहीं कर रहा है

बीते 13 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में दावा किया कि उनके शासनकाल में एम्स जैसी संस्थाओं की संख्या पहले के मुकाबले तीन गुना बढ़ी है. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, 2014 में उनकी सरकार आने के बाद से विभिन्न राज्यों में शुरू हुए एम्स में से एक भी पूरी तरह काम नहीं कर रहा है.

कोरोना काल में मेडिकल सुविधाओं के बिना जान गंवाने वालों के लिए पैकेज पर विचार करे सरकार: कोर्ट

मेघालय हाईकोर्ट राज्य में कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकीय सुविधाओं की कमी से 877 नवजात शिशुओं और 61 मांओं की मौत पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है.

दिल्ली: कोरोना वायरस के समय में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज़ किस हाल में हैं?

वीडियो: कोरोना वायरस के समय में राजधानी दिल्ली के एम्स में अपना इलाज करे रहे दूसरी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज़ों का हाल.

सरकार के पास मूर्तियों के लिए पैसा है, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

महाराष्ट्र के दो अस्पतालों को सरकारी मदद देने से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सरकारों के लिए कभी भी प्राथमिकता नहीं रहा. बच्चे मर रहे हैं और राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात में सरकार की पूरी मशीनरी कुछ नहीं कर रही हैं.