गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस समीर दवे की एकल पीठ एक नाबालिग रेप सर्वाइवर के पिता की याचिका सुन रही थी, जिसमें उनकी बेटी के गर्भपात के लिए अनुमति मांगी गई थी. इस दौरान जस्टिस दवे ने कहा कि पहले 14 से 16 लड़कियों की शादी की सामान्य उम्र थी और 17 साल तक वे कम से कम एक बच्चे को जन्म दे देती थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने 20 सप्ताह से ज्यादा अवधि के अवांछित गर्भ के समापन के मामलों में निर्णय लेने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में मेडिकल बोर्ड गठित करने के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम, 1971 की धारा तीन के तहत 20 सप्ताह के बाद गर्भपात कराना प्रतिबंधित है.