सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजी हाथों में देने से समस्या ख़त्म हो जाएगी, ऐसा सोचना अज्ञानता के अलावा कुछ नहीं है.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को आर्थिक संकट में उद्योगपतियों ने ही डाला है और कमाल की बात यह है कि निजीकरण के तहत इन बैंकों को एक तरह से उनके ही क़ब्ज़े में देने की बातें हो रही हैं.
पीएनबी घोटाले पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को लेकर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि वह ‘मौनेंद्र मोदी’ बन गए हैं.
आज जब दुनिया में नाना प्रकार के खोट उजागर होने के बाद भूमंडलीकरण की ख़राब नीतियों पर पुनर्विचार किया जा रहा है, हमारे यहां उन्हीं को गले लगाए रखकर सौ-सौ जूते खाने और तमाशा देखने पर ज़ोर है.
पिछली सरकारों में व्यवस्था को अपने फ़ायदे के लिए तोड़ने-मरोड़ने वाले पूंजीपति मोदी सरकार में भी फल-फूल रहे हैं.
नीरव मोदी जी, भारत आने से न डरें. आपकी रिश्तेदारी ही इस कमाल की है कि हाथ लगाने में हुज़ूर के हाथ कांप जाएंगे.
सीबीआई जांच में पता चला है कि नीरव की टीम के पास बैंक के स्विफ्ट सिस्टम का पासवर्ड था, जो लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के लिए जरूरी है. नीरव के लाेग पीएनबी अधिकारी के तौर पर अवैध तरीके से स्विफ्ट सिस्टम में लॉग इन करते थे.
गीतांजलि ग्रुप के प्रमुख मेहुल चौकसी हैं जिनका नाम साल 2015 में मुंबई में सोने का सिक्का लॉन्च करते हुए प्रधानमंत्री बड़े प्यार से ले रहे थे, ‘हमारे मेहुल भाई यहां बैठे हैं.’ अभी तक प्रधानमंत्री के ये ‘हमारे मेहुल भाई’ गिरफ़्तार नहीं हुए हैं.