2009 से 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मिड डे मील के कुक्स-कम-हेल्पर्स का वेतन नहीं बढ़ा है. ज़्यादातर राज्यों में उन्हें 1,000 रुपये प्रतिमाह का मानदेय दिया जा रहा है, जो राष्ट्रीय न्यूनतम मज़दूरी से कम है.
झारखंड में शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला बाल कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभागों में बड़ी तादाद में तैनात मानदेयकर्मियों को एक दिहाड़ी मज़दूर से भी कम वेतन मिलता है. लिहाज़ा प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है.