प्रधानमंत्री जी! आप ही बताएं कि हम लोग कोरोना से लड़ें कि भूख से…

उत्तर प्रदेश और बिहार के 34 मज़दूर कर्नाटक के शिमोगा ज़िले में फंसे हैं. बालू खनन का काम करने वहां गए मज़दूरों का कहना है कि जो थोड़े-बहुत पैसे थे, वो अब तक के लॉकडाउन के दौरान ख़त्म हो चुके हैं. अब अगर यहां से नहीं निकाला गया तो भुखमरी जान ले लेगी.

यह संस्था सरकार की बंधक नहीं है: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि न्यायालय सरकार के कथन का सत्यापान किए बगैर ही उस पर विचार कर रही है जबकि लोगों, विशेषकर पलायन करने वाले कामगारों, के मौलिक अधिकार लागू नहीं किए जा रहे हैं.

हरियाणा: लॉकडाउन की भारी क़ीमत चुका रहे नूंह के ये ग़रीब परिवार

देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में सड़क किनारे या झुग्गी-बस्तियों में ज़िंदगी बिता रहे लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गईं. हरियाणा के नूंह ज़िले के कुछ ऐसे ही मेहनतक़श परिवार केवल समाज के रहम पर दिन गुज़ार रहे हैं.

दिल्ली: लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मज़दूरों को खाने के लिए घंटों करना पड़ रहा इंतज़ार

वीडियो: कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के बीच दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में फंसे प्रवासी मज़दूरों को भोजन के लिए बनी लंबी लाइनों में घंटों अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ रहा है.

कोरोना संकट ने रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन गई असमानता को उघाड़कर रख दिया है

इस वायरस ने इस दुनिया को पूरी तरह से छिन्न-भिन्न कर डाला है. इसने हमारे समय की उन नाइंसाफ़ियों से रूबरू करवाया है, जो हमारी अर्थव्यवस्था और राजनीति की बेमिसाल क्रूरता दर्शाती हैं.

कोरोना: सरकारों ने गरीबों को संकट की घड़ी में उनके हाल पर छोड़ दिया है

हम वो देश हैं जो जुगाड़ पर नाज़ करता है, 5000 साल पहले की तथाकथित उपलब्धियों के ख्वाबों की दुनिया में रहता है. उससे यह उम्मीद करना बेमानी है कि वह व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में इतनी मेहनत करेगा कि वे बिना किसी रुकावट के और सक्षम तरीके से काम कर सकें.

लॉकडाउन: सरकार द्वारा मज़दूरों के लिए जारी नए दिशानिर्देश उनके प्रति संवेदनशील नहीं हैं

19 अप्रैल को गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के भीतर मजदूरों के आवागमन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं. हालांकि इनके व्यावहारिक रूप से लागू होने पर कई सवाल हैं.

लॉकडाउन के दौरान महानगरों में मज़दूरों की मौत: जो घर पहुंचने की आस लिए दुनिया से ही चले गए

बीते दस दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो मज़दूरों ने बीमारी के चलते मुंबई और दिल्ली में दम तोड़ दिया, पर लॉकडाउन और ख़राब आर्थिक स्थिति के चलते परिजन उनका शव लाने नहीं जा सके. आजीविका के लिए परिवार से हज़ारों मील दूर रह रहे इन लोगों को अंतिम समय में भी अपनों का साथ नसीब नहीं हुआ.

यूपी: अस्पताल ने मुस्लिम मरीजों पर लगाया प्रतिबंध, कहा- कोरोना जांच निगेटिव आई हो तभी आएं

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैंसर अस्पताल द्वारा उठाया गया ये कदम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है जिसके तहत किसी भी मरीज को उसके धर्म या बीमारी के आधार पर इलाज से इनकार नहीं किया जा सकता है.

लॉकडाउन: गुड़गांव में बेरोजगारी और आर्थिक तंगी से परेशान प्रवासी मजदूर ने आत्महत्या की

बिहार निवासी मृतक पिछले 8-10 सालों से गुड़गांव में रहकर पेंटर का काम करता था. गुरुवार को ढाई हजार रुपये में अपना मोबाइल बेचकर घर का राशन और बच्चों के लिए पंखा लाया था. इसके बाद आत्महत्या कर ली.

कोरोना वायरस के गंभीर मरीज़ों के इलाज के लिए प्लाज़्मा तकनीक का ट्रायल किया जाएगा: केजरीवाल

प्लाज़्मा तकनीक में कोरोना वायरस के संक्रमण से उबर चुके व्यक्ति के ख़ून की एंडीबॉडी का इस्तेमाल कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित मरीज़ों के इलाज के लिए किया जाता है.

क्या सरकारें इस महामारी से सबक लेकर प्रवासियों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं बनाने की पहल करेंगी?

यह समय सरकारों के लिए असाधारण काम करने का है, नागरिकों पर ही ज़िम्मेदारी डाल देने और नियोजकों की सदाशयता के भरोसे रहने का नहीं.

लॉकडाउन: मुंबई में मज़दूरों की भीड़ के जुटने के मामले में टीवी पत्रकार हिरासत में

ट्रेन सेवा बहाल किए जाने की कथित ख़बर को लेकर बीते मंगलवार को मुंबई के बांद्रा बस डिपो पर घर जाने के लिए प्रवासी मज़दूर जुट गए थे. इस संबंध में मुंबई पुलिस ने दो अन्य एफआईआर भी दर्ज की है और एक युवक को गिरफ़्तार किया है.

लॉकडाउन: घर जाने की मांग पर गुजरात के सूरत में मज़दूरों ने फिर किया प्रदर्शन

बीते मंगलवार को कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा के बाद हज़ारों की संख्या में प्रवासी मज़दूर घर जाने की मांग को लेकर मुंबई के बांद्रा इलाके में सड़क जमा हो गए थे. सूरत में ही बीते 10 अप्रैल को इसी मांग के साथ मजदूरों ने हंगामा किया था.

लॉकडाउन की अ​वधि बढ़ने के बाद घर भेजने की मांग को लेकर मुंबई में जुटे हज़ारों मज़दूर

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि हमने मज़दूरों को आश्वासन दिया है कि उनके रहने-खाने की व्यवस्था सरकार करेगी और स्थिति अब नियंत्रण में है, भीड़ हट गई है.