जल संकट के कगार पर राजस्थान, कभी भी ख़त्म हो सकता है भूजल

राजस्थान सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 33 ज़िलों को भूजल के हिसाब से कुल 295 ब्लॉक में बांटा गया है, जिनमें से 184 ब्लॉक अतिदोहित श्रेणी में आ गए हैं. इसका मतलब है कि आधे से ज़्यादा राज्य में ज़मीनी पानी कभी भी समाप्त हो सकता है.

पानी की वजह से पलायन के लिए मजबूर राजस्थान के ग्रामीण

ग्राउंड रिपोर्ट: राजस्थान के धौलपुर ज़िले के डांग क्षेत्र के गौलारी, बीलौनी और डौमई ग्राम पंचायतों के तहत आने वाले तमाम गांवों में इन दिनों पीने के पानी की भारी किल्लत बनी हुई है.

उत्तराखंड: वीरान होते गांव और तमाशबीन सरकार

पलायन आयोग की रिपोर्ट से मालूम पड़ता है कि चीन और नेपाल से सटे उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से भारी पलायन ने हिमालयी राज्य की अवधारणा को ध्वस्त कर दिया.

भारत में करीब 28 लाख लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले साल संघर्ष और हिंसा के चलते तकरीबन साढ़े चार लाख लोग विस्थापित हुए हैं.

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