छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य की तबाही में मोदी, अडानी, कांग्रेस सब शामिल

वीडियो: छत्तीसगढ़ के जैव-विविधता वाले हसदेव अरण्य में खनन गतिविधियों को लेकर यहां के मूल आदिवासी समुदाय लंबे समय से विरोध करते रहे हैं. हसदेव अरण्य एक घना जंगल है, जो 1,500 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. यह क्षेत्र राज्य के आदिवासी समुदायों का निवास स्थान है. इस जंगल के नीचे अनुमानित रूप से पांच अरब टन कोयला दबा है.

‘आदिवासियों को जितना अंग्रेज़ों ने नहीं मारा, आज़ादी के बाद इस सिस्टम ने मारा है’

वीडियो: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले के एटापल्ली तालुका के सुरजागढ़ में लौह अयस्क खनन परियोजना को रद्द करने की मांग को लेकर आदिवासी कई वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं. आदिवासी अधिकारों पर काम करने वाले कार्यकर्ता और वकील लालसू नगोटी का कहना है कि इस ज़िले में कई और ऐसी खनन परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिससे जल-जंगल-भूमि का विनाश होगा.