बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था कि अधिकारों को केवल क़ानून में लिख देने से उनकी रक्षा सुनिश्चित नहीं होती, समाज की सामूहिक नैतिक और सामाजिक चेतना ही इन अधिकारों को जीवन देती है. आज 'नए भारत' में रोज़ संवैधानिक अधिकारों पर हो रहे हमले इसी को लेकर चेता रहे हैं.
वक़्फ़ संशोधन विधेयक पर गठित जेपीसी में शामिल विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर 'मनमाने ढंग से कार्यवाही बाधित' करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर समिति में उनकी बात को अनसुना किया गया, तो वे कमेटी छोड़ने को मजबूर होंगे.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जन्माष्टमी के अवसर पर हिंदू समुदाय के नेताओं से बातचीत की और अन्य धर्मों में विश्वास रखने वाले लोगों से अनुरोध किया कि वे अपने आपको अल्पसंख्यक न मानें. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी धर्मों के लोग समान अधिकारों के साथ रहें.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से पारित इस प्रस्ताव में कहा गया है कि आरएसएस द्वारा देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश के चलते अल्पसंख्यकों की धार्मिक आज़ादी का दमन किया जा रहा है. अल्पसंख्यकों को दबाने वालों को सज़ा दी जानी चाहिए. इसके साथ ही मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों की आलोचना करने हुए एक अन्य प्रस्ताव पारित किया गया.
दिल्ली भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि इन राज्यों में अल्पसंख्यक होने के बावजूद हिंदुओं को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है.