शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद को उर्दू भाषा के विकास और प्रचार-प्रसार के लिए आवंटित बजट संस्थान की कोई जनरल बॉडी गठित न होने के चलते इस्तेमाल नहीं किया जा सका है. ऐसे में जानकार और भाषाविद सरकार की मंशा को लेकर संदेह जता रहे हैं.
यह योजना उत्तराखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती है, जो विशेष रूप से कक्षा 1 से 10 में पढ़ने वाले राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए है, जिनमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, पारसी, बौद्ध और जैन शामिल हैं.