घटना वैशाली ज़िले के सराय की है, जहां मृतक को कथित तौर पर लोहा काटने वाले औज़ार के साथ एक घर के पास देखा गया था. पुलिस का कहना है कि उसने एक घर में चोरी की कोशिश की और पकड़ा गया.
महाराष्ट्र प्रशासन को सौंपे गए एक पत्र में मॉब लिंचिंग के प्रत्येक पीड़ित के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवज़ा देने की भी मांग की गई है.
मालदा के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बीते 26 जून को मालदा के बैष्णबनगर बाज़ार में स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर बाइक चुराते हुए पकड़े जाने पर 20 वर्षीय सनाउल शेख की पिटाई की थी. बीते रविवार को कोलकाता से युवक का शव मालदा पहुंचने पर प्रदर्शन हुआ.
किसान पर सितंबर 2017 में उनकी हत्या के पहले आरोपियों द्वारा दो बार हमला किया गया था, जिसको लेकर वे एससी/एसटी अधिनियम के तहत केस दर्ज करवाने की कोशिश कर रहे थे.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 18 जून को 45 वर्षीय मीट व्यवसायी क़ासिम क़ुरैशी की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.
मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स ज़िले के चनांगपारा गांव का मामला. गांव में कुछ दिन पहले चोरी होने के बाद एक कार में मिले तीन संदिग्ध व्यक्तियों की गांववालों ने जमकर पिटाई की.
बिहार के रोहतास ज़िले का मामला. सीतामढ़ी ज़िले में हुई एक अन्य घटना में पैसे छीनने के आरोप में युवक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला.
मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले में दलित चौकीदार की ज़मीन पर दबंगों ने साल 2005 से क़ब्ज़ा कर रखा था. पुलिस ने 13 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया.
इस घटना के पहले शीर्ष न्यायालय ने कथित गोरक्षा के नाम पर हिंसा से निपटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे.
शीर्ष अदालत ने हमले में बच गए समीउद्दीन को सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया है. बीते 18 जुलाई को मांस कारोबारी क़ासिम क़ुरैशी पर भीड़ ने गोकशी के संदेह में पी- पीट कर मार डाला था. पुलिस ने भीड़ के हमले की बजाय रोड रेज का मामला दर्ज किया है.
डिंडौरी ज़िले के सिंघवारा गांव में बच्चा चोरी के शक में ग्रामीणों ने मानसिक विक्षिप्त युवक की पीट-पीटकर हत्या करके शव पत्थर से बांधकर कुएं में फेंक दिया था.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा, पीट-पीटकर हत्या करना एक बर्बर अपराध है. कोई भी सभ्य समाज इसे स्वीकार नहीं कर सकता. केंद्र सरकार इस मामले में मौत की सज़ा का प्रस्ताव वाला विधेयक शीघ्र पेश करेगी.
राजस्थान में सीकर से भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती के मुताबिक फ़र्ज़ी गोरक्षकों की वजह से वाकई में गोसेवा में लगे लोग और संत समाज बदनाम हो रहा है. उन्होंने ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग की है.
मेव समुदाय धार्मिक रूप से मुसलमान है लेकिन सांस्कृतिक रूप से हिंदू परंपराओं के क़रीब है. इनका गायों से एक सांस्कृतिक नाता है. कई ऐसे परिवार हैं, जिनके पास 500 से हज़ार गाएं हैं. यहां तक कि बेटियों की शादी में भी गाय देने की रीत है.
अकबर ख़ान अपने घर के अकेले कमाने वाले थे, अब उनके 60 साल के पिता पर बीमार बहू, बुज़ुर्ग पत्नी, 7 पोते-पोतियों और 5 गायों की ज़िम्मेदारी है. बेटे की मौत ने उन्हें इतना डरा दिया है कि वे किसी पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं. हर मिलने आने वाले से बस यही पूछ रहे हैं कि कहीं कोई जगह है जहां इंसाफ की फरियाद की जा सके.