बीते हफ्ते अलवर में 'गोरक्षकों' द्वारा कथित पिटाई के बाद हुई अकबर खान की मौत पर स्वतः संज्ञान लेते हुए आयोग ने सरकार को दो हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है.
रामगढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा का कहना है कि जब पुलिस ने अकबर ख़ान की मौत पुलिस हिरासत में होना स्वीकार कर लिया है, तो आरोपी गोरक्षकों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए.
अकबर का नाम ‘रकबर’ नहीं, अकबर ही है. जब वह अपना आधार बनवाने गए थे, तो बनाने वाला मेवाती उच्चारण नहीं समझ पाया और उनका नाम ‘रकबर’ लिख दिया. चचेरे भाई ने बताया कि उसे आधार में नाम सुधरवाने का कभी ख्याल ही नहीं आया. सात बच्चों का पेट पालने वाले आदमी ने सिस्टम का दिया नाम स्वीकार लिया.
अलवर मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, मारपीट के दौरान लगी चोट के सदमे से हुई रकबर की मौत.
घटना जलपाईगुड़ी ज़िले के एक गांव की है. पुलिस ने बताया कि ज़िले में बच्चा चोरी के शक में भीड़ द्वारा हमले की यह इस महीने की चौथी घटना है.
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी और कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बावजूद देश में पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाएं जारी हैं. पहलू ख़ान के बाद राजस्थान के अलवर ज़िले में बीते 21 जुलाई को गो-तस्करी के संदेह में भीड़ ने रकबर ख़ान की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
भाजपा के स्थानीय विधायक ज्ञानदेव आहूजा व घटना की सूचना देने वाले शख़्स के मुताबिक पुलिस अकबर ख़ान को अस्पताल ले जाने की बजाय थाने ले गई, जहां उसके साथ बेरहमी से मारपीट हुई. पुलिस ने आरोपों को खारिज किया. वहीं पूर्व विधायक जुबेर ख़ान ने भाजपा विधायक के आरोप को आरोपियों को बचाने की साज़िश बताया.
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने पश्चिम बंगाल के प्रवासी मज़दूर मानिक रॉय और केरल में एक आदिवासी युवक मधु का उदाहरण देते हुए कहा कि पीट-पीटकर हत्या करने के ये मामले आर्थिक मुद्दों से जुड़े हैं.
वीडियो: हापुड़ लिंचिंग मामले के पीड़ित परिवारों की कबीर अग्रवाल से बातचीत.
वीडियो: हापुड़ लिंचिंग मामले में कथित गोरक्षकों ने जहां कासिम नाम के एक व्यक्ति की निर्मम हत्या कर दी थी, वहीं बेरहमी से पीटकर मोहम्मद समीउद्दीन को अधमरा कर दिया गया था. एक महीने अस्पताल में रहने के बाद अब बाहर आए समीउद्दीन से कबीर अग्रवाल की बातचीत.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में गोहत्या के शक में भीड़ द्वारा किए हमले में बुरी तरह घायल हुए समीउद्दीन को महीने भर बाद अस्पताल से छुट्टी मिली है. उनका कहना है कि वे मामले के चश्मदीद हैं, लेकिन पुलिस उनका बयान नहीं ले रही है.
जिन चार युवकों पर हमला हुआ उनमें एक क़तर का नागरिक भी शामिल है. युवक हैदराबाद से कर्नाटक एक रिश्तेदार से मिलने गए थे. वॉट्सऐप पर किसी ने उनके फोटो डालकर बच्चा चोर होने की अफवाह फैला दी.
पुलिस ने मामले में छह लोगों को गिरफ़्तार किया. इससे पहले बीते आठ जून को राज्य के कार्बी आंगलांग ज़िले में ग्रामीणों ने दो व्यक्तियों की बच्चा चोर होने के संदेह में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
भीड़ द्वारा निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं की रोकथाम का केंद्र सरकार के पास कोई कार्यक्रम नहीं है, इसलिए वह सिर्फ़ राज्य सरकारों को सतर्क रहने को कहकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेना चाहती है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने की घटनाओं से देश के सामाजिक ताने-बाने को अपूर्णीय क्षति पहुंच रही है.