भारत में सब हत्या करने वाली भीड़ को ही दोष दे रहे हैं. कोई नहीं जांच करता कि बिना आदेश के जो भीड़ बन जाती है उसमें शामिल लोगों का दिमाग़ किस ज़हर से भरा हुआ है.
23 जून को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में डीएसपी अयूब पंडित की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने गाय और गोरक्षा के नाम पर क़ानून हाथ में न लेने की अपील की थी, उसी दिन झारखंड में एक व्यक्ति को गोमांस ले जाने के संदेह में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था.
भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या के विरोध में 28 जून को देश भर में प्रदर्शन हुए, उसी दिन अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने अपने फेसबुक वॉल पर यह पोस्ट लिखी.
जिस दिन प्रधानमंत्री ने बयान दिया कि गाय और गोरक्षा के नाम पर किसी को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है, उसी दिन झारखंड में एक और व्यक्ति की गाय के नाम पर हत्या कर दी गई.
अल्पसंख्यक मामलों पर संसदीय समिति के छह सदस्य चाहते थे कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा जाए और केंद्रीय मंत्री इन घटनाओं की निंदा करें.
जन गण मन की बात की 75वीं कड़ी में विनोद दुआ कथित गोरक्षकों की गुंडागर्दी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और दिल्ली गोल्फ क्लब में पूर्वोत्तर की महिला के साथ हुए नस्लीय भेदभाव पर चर्चा कर रहे हैं.
अहमदाबाद में साबरमती आश्रम के शताब्दी वर्ष समारोह में बोलते हुए मोदी ने कहा कि गाय के नाम पर किसी भी इंसान को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है.
जन गण मन की बात की 74वीं कड़ी में विनोद दुआ भीड़ द्वारा पीट-पीटकर नागरिकों की हो रही हत्याओं और जीएसटी पर चर्चा कर रहे हैं.
देश भर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार देने की बढ़ती घटनाओं के विरोध में नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर लोगों द्वारा प्रदर्शन किया गया.
बल्लभगढ़, हरियाणा के हाफिज जुनैद को हाल ही में भीड़ ने पीट पीटकर मार दिया था. परिवार का आरोप है कि यह हत्या विशुद्ध सांप्रदायिक कारण से है.
ऊपर से शांत दिखने वाली भीड़ का हिंसक बन जाना अब हमारे वक्त़ की पहचान बन रहा है. विडंबना यही है कि ऐसी घटनाएं इस क़दर आम हो चली हैं कि किसी को कोई हैरानी नहीं होती.
2014 में आम चुनावों में मोदी के जीतने के बाद सबसे पहले उनका अभिवादन करने वाले मुस्लिम कार्यकर्ताओं में से एक जसीम मोहम्मद ने प्रधानमंत्री से मुस्लिमों की हत्याएं रोकने की अपील की है.
2017 की ढलती जून की इस सुबह ईद मुबारक कहना झूठी तसल्ली जान पड़ती है, एक झूठा आश्वासन, सच्चाई से आंख चुराना! सच यह है कि यह ईद मुबारक नहीं है.
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि नफ़रत को लेकर होने वाला अपराध देश में नया नहीं है और इस तरह की घटनाओं को खासतौर पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया बढ़ा-चढ़ा कर दिखाता है.