भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि 17 मार्च 2020 को हमारे फैसले के बाद एक भी महिला को पदोन्नति के लिए योग्य नहीं पाया गया. अदालत कैप्टन के पद पर पदोन्नति की मांग करने वाले छह अधिकारियों द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा तैयार प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 या प्रसारण विधेयक को सेंसरशिप चार्टर के बतौर देखा जा सकता है, जहां 'केंद्र सरकार' स्वतंत्र समाचारों को सेंसर बोर्ड जैसे दायरे में घसीटना चाहती है.
बीते बुधवार को दो व्यक्ति लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूद गए और धुएं के कनस्तर खोल दिए थे. इस सुरक्षा चूक के बाद इन लोगों के अलावा तीन अन्य को गिरफ़्तार किया गया है, जबकि एक व्यक्ति की तलाश जारी है. सूत्रों के अनुसार, आरोपी मणिपुर हिंसा, किसान आंदोलन, महंगाई और बेरोज़गारी के संबंध में एक संदेश देना चाहते थे.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के तरीके को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराए जाने के फैसले की बारीकियां समझने के लिए ज़रूरी है कि यह समझा जाए कि अनुच्छेद 370 था क्या और इसे हटाया कैसे गया.
भारतीय दंड संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता की जगह तीन नए विधेयक क्रमश: भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय साक्ष्य अधिनियम विधेयक और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक लाए गए हैं. विशेषज्ञ इन विधेयकों और उनके द्वारा भारत की न्याय प्रणाली में लाए जाने वाले बदलावों को लेकर चिंतित हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते 10 दिसंबर को पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी जब सत्ता में थी तो उसने बिहार में जाति-आधारित सर्वेक्षण के विचार का समर्थन किया था और राज्यपाल ने विधेयक को मंज़ूरी भी दे दी थी.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने वाला संवैधानिक आदेश पूरी तरह से वैध है. साथ ही इसने 30 सितंबर, 2024 से पहले सूबे में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया है.
संसदीय समिति ने अपनी सिफ़ारिशों में कहा है कि ‘देश भर में कई ऐतिहासिक स्मारक बड़ी संख्या में लोगों के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व रखते हैं. ऐसे स्मारकों पर पूजा/धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने से लोगों की वैध आकांक्षाएं पूरी हो सकती हैं’. इस पर संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि वह इसकी व्यवहार्यता का पता लगाएगा.
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के राजभवन में नगालैंड राज्य दिवस समारोह का आयोजन करने की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि हम यहां राजभवन में नगालैंड दिवस मनाते हैं, जबकि जब जम्मू कश्मीर की बात आती है तो हम ‘केंद्र शासित प्रदेश दिवस’ मनाते हैं. यह यहां के लोगों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है.
विगत कुछ सालों से कोशिश चल रही है कि ऐसे नैरेटिव को वैधता मिले जो हिंदुत्व के नज़रिये के अनुकूल हो, लेकिन जगह-जगह उसे चुनौती भी मिल रही है. शायद इस पृष्ठभूमि में संघ-भाजपा को मुफ़ीद लग रहा है कि वे सार्वजनिक पुस्तकालयों पर क़ब्ज़ा क़ायम करें और अपनी एकांगी समझदारी के पक्ष में जनमत तैयार करें.
अमेरिकी अभियोजकों द्वारा एक ‘भारतीय सरकारी कर्मचारी’ पर एक अमेरिकी नागरिक (गुरपतवंत सिंह पन्नू) की हत्या की साज़िश रचने का आरोप लगाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री ने यह बयान दिया है. वहीं कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा कि हम अपने आरोपों पर क़ायम हैं कि एक कनाडाई नागरिक (हरदीप सिंह निज्जर) की हत्या का संबंध भारतीय एजेंटों से था.
सिल्कयारा सुरंग में निर्माण के दौरान पिछले 5 वर्षों में 19 से 20 बार ढहने की घटनाएं हुई थीं: रिपोर्ट
राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के निदेशक ने बताया कि भूस्खलन की घटनाएं हर सुरंग निर्माण के दौरान होती हैं, लेकिन इस बार हम बदकिस्मत रहे, क्योंकि मज़दूर फंस गए थे. उत्तराखंड के सिल्कयारा में बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से इसमें फंसे 41 श्रमिकों को 17 दिनों के कड़े संघर्ष के बाद बाहर निकाला गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है और इस साल 31 दिसंबर तक नए नाम के साथ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की तस्वीरें मांगी हैं. इन तस्वीरों को एबी-एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है. ‘आयुष्मान भारत मंदिर’ के साथ ‘आरोग्यम परमं धनम्’ नाम से टैगलाइन भी दी गई है.
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से पता चला है कि ये सभी लेख सरकारी अधिकारियों या केंद्रीय मंत्रियों द्वारा लिखे गए थे. इन लेखों में उन्होंने जी-20 के लक्ष्यों के अनुरूप सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला था, मोदी की प्रशंसा की थी और जी-20 की अध्यक्षता करने के लिए भारत के महत्व को समझाया था.