शिक्षकों के साथ अपमानजनक व्यवहार कोई नई बात नहीं. पिछले चार सालों में केंद्र सरकार ने भारत के संघीय ढांचे को धता बताते हुए जिस तरह शिक्षक दिवस को हड़प लिया है ताकि उसके ज़रिए प्रधानमंत्री की छवि निखारी जा सके, उसे याद कर लेना काफ़ी है.
जन गण मन की बात की 299वीं कड़ी में विनोद दुआ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मीडिया को 'दलित' शब्द के इस्तेमाल से बचने के आग्रह और विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा सोशल मीडिया पर की जा रही मॉनिटरिंग पर चर्चा कर रहे हैं.
मानव संसाधन मंत्रालय के शुरुआती नियमों में अंबानी के जियो इंस्टीट्यूट को प्रतिष्ठित संस्थान का टैग नहीं मिल पाता. यहां तक कि वित्त मंत्रालय ने भी चेतावनी दी थी कि जिस संस्थान का कहीं कोई वजूद नहीं है उसे 'इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस' का दर्जा देना तर्कों के ख़िलाफ़ है.
स्वराज अभियान संगठन के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में कोई मामला ले जाने से पहले सोचना पड़ता है क्योंकि ‘सर्वोच्च न्यायालय में भी बहुत भ्रष्टाचार है.’
अनिल अंबानी की रिलायंस समूह की कंपनियों ने दावा किया है कि अखबार में राफेल विमान सौदे को लेकर प्रकाशित एक लेख अपमानजनक है.
प्रेस की दशा-दिशा पर नज़र रखने वाली वैश्विक संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की ओर कहा गया है कि पत्रकारों को प्रताड़ित किए जाने की घटनाओं के पीछे हिंदू राष्ट्रवादियों का हाथ है. इसमें हत्या भी हो सकती है, जैसा पत्रकार गौरी लंकेश के मामले में हुआ.
पिछले 100 साल की सबसे बदतर आपदा से कैसे जूझ रहे हैं केरल के लोग और क्यों आख़िर इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं कर रही है मोदी सरकार? एनडीआरएफ के पूर्व डीआईजी और द वायर के डिप्टी एडिटर अजय आशीर्वाद के साथ चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
संपादकों का काम सत्ता के प्रचार के अनुकूल कंटेट को बनाए रखने का है और हालात ऐसे हैं कि सत्तानुकूल प्रचार की एक होड़ मची हुई है. धीरे-धीरे हालात ये भी हो चले हैं कि विज्ञापन से ज़्यादा तारीफ़ न्यूज़ रिपोर्ट में दिखाई दे जाती है.
हाल ही में रिज़र्व बैंक के बोर्ड में शामिल हुए स्वामीनाथन गुरुमूर्ति की नरेंद्र मोदी के नोटबंदी जैसे आर्थिक नीति संबंधी फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
जन गण मन की बात के 287वीं कड़ी में विनोद दुआ कांवड़ियों द्वारा मचाए गए उत्पात और मोदी सरकार द्वारा की जा रही मीडिया की निगरानी पर चर्चा कर रहे हैं.
भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण का आरोप है कि नरेंद्र मोदी द्वारा राफेल सौदे में किए गए बदलावों का उद्देश्य सिर्फ चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना था.
विशेष: वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी बता रहे हैं कि न्यूज़ चैनलों पर नकेल कसने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के भीतर बनाई गई 200 लोगों की ‘गुप्त फ़ौज’ क्या और कैसे काम करती है.
जन गण मन की बात की 286वीं कड़ी में विनोद दुआ राफेल सौदे पर उठाए गए सवालों पर मोदी सरकार की चुप्पी और नेताओं के स्मारक बनाने पर चर्चा कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि वे शीर्ष अदालत की आलोचना नहीं कर रहे हैं. लेकिन, अतीत में उसके आदेशों और फैसलों ने ऐसी स्थिति पैदा की है जिससे लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ीं.
जन गण मन की बात की 285वीं कड़ी में विनोद दुआ एम. करुणानिधि और राफेल सौदे पर भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा उठाए गए सवालों पर चर्चा कर रहे हैं.