पिछले 9 सालों में मोदी सरकार ने संसद को कम से कम सात बार आश्वासन दिया कि वह अडानी समूह और दूसरी कंपनियों से जुड़े कथित घोटालों की जांच कर रही है. लेकिन जब लोगों का ध्यान इस ओर से हटा, तो केंद्र ने चुपचाप इन जांचों को रोक दिया.
वक़्फ़ एक विशेष मुस्लिम क्षेत्र है क्योंकि यह सदियों से मुस्लिम संपत्तियों के दान से उपजा है, लेकिन मोदी सरकार इसे पचा नहीं पाई. वक़्फ़ संशोधन विधेयक के ज़रिये इस सरकार का मुस्लिम विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है.
1 अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यों को एससी और एसटी श्रेणियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने की अनुमति दी थी ताकि इन श्रेणियों के भीतर सबसे पिछड़े समुदायों को निश्चित उप-कोटा के माध्यम से प्रतिनिधित्व मिल सके.
भारतीय संसद द्वारा पारित 'जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019' के तहत लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, विकास के तमाम दावे किए गए थे. क्या बीते पांच साल में लद्दाख की बयार बदली है?
श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने सोमवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि बजट बनाना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन इस समय हमारे पास लोकतंत्र नहीं है.
'द फोरम फॉर ह्यूमन राइट्स इन जम्मू एंड कश्मीर'की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2015 से मार्च 2019 के बीच जम्मू कश्मीर के नेट स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट (एनएसडीपी) में 13.28% की वार्षिक वृद्धि हुई थी. 2019 में इसके केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह वृद्धि घटकर 8.73% रह गई है.
पुस्तक अंश: 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात पर केंद्रित रोहिण कुमार की पुस्तक ‘लाल चौक’ का एक अंश.
लद्दाख के निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में शिक्षित युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, क्योंकि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35(ए) के तहत प्रदान किए गए संवैधानिक सुरक्षा उपाय अब मौजूद नहीं हैं.
5 अगस्त, 2019 के बाद का कश्मीर भारत के लिए आईना है. उसके बाद भारत का तेज़ गति से कश्मीरीकरण हुआ है. नागरिकों के अधिकारों का अपहरण, राज्यपालों का उपद्रव, संघीय सरकार की मनमानी.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने केंद्र सरकार के प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक के बारे में कहा कि यह वीडियो डालने, पॉडकास्ट बनाने या समसामयिक मामलों के बारे में लिखने वाले किसी भी व्यक्ति को 'डिजिटल समाचार प्रसारक' मानता है और इन्हें अनावश्यक रूप से नियमों के दायरे में लाता है.
वीडियो: संसद के मानसून सत्र के दौरान पत्रकार कांच के 'पिंजरे' में नज़र आए. क्या यह स्थिति मोदी सरकार में मीडिया की दशा दिखाती है? वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा और द वायर की पत्रकार श्रावस्ती दासगुप्ता के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
इस बजट में मुसलमानों के उत्थान और उनकी शिक्षा के लिए चल रही तमाम योजनाओं में कटौती की गई है. यह स्पष्ट है कि भाजपा के लिए मुसलमान का कोई मोल नहीं है.
असम के मटिया में डिटेंशन सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में असम राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसकी 'दयनीय स्थिति' पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत दुखद स्थिति है. यहां पानी की आपूर्ति नहीं है, शौचालय नहीं हैं, चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं.
स्मार्ट सिटीज मिशन के दूसरे संस्करण की सिफारिश एक संसदीय समिति ने फरवरी में संसद के दोनों सदनों में पेश अपनी रिपोर्ट में की थी. आवास और शहरी मामलों पर स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया था कि राज्य की राजधानियों में भीड़ कम करने के लिए मिशन को दूसरे चरण के शहरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए विस्तारित किया जाना चाहिए.
पंजाब के तीन दर्जन से अधिक जन लोकतांत्रिक संगठनों ने 21 जुलाई को जालंधर में एक संयुक्त सम्मेलन करते हुए नए आपराधिक क़ानूनों को लागू करने, दिल्ली के एलजी द्वारा अरुंधति रॉय और प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन पर यूएपीए के तहत मुक़दमा चलाने को मंज़ूरी का विरोध जताया.