नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में अनुप्रासों की झड़ी लगाते रहे हैं- कभी चमत्कार पैदा करने, तो कभी अपनी ‘बौद्धिकता’ का लोहा मनवाने के लिए. हालांकि आगामी 23 जुलाई को उनकी तीसरी सरकार का पहला बजट आएगा तो इस ‘संकट’ से रूबरू होंगे कि ऐसा कौन-सा नया अनुप्रास गढ़ें और कैसे?
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक बैठक के दौरान उन्हें बताया कि उनकी सरकार बांग्लादेश से आए ज़ो जनजाति के लोगों को वापस नहीं भेज सकती है. राज्य के गृह विभाग के मुताबिक, 2022 से बांग्लादेश के लगभग 2,000 ज़ो जनजाति के लोगों ने मिज़ोरम में शरण ली है.
शिक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केवल यह स्वीकार किया है कि नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं, धोखाधड़ी और कदाचार के मामले सामने आए हैं. सरकार ने पेपर लीक का कोई जिक्र नहीं किया है.
इस योजना ने इन गांवों और युवाओं का जीवन किस तरह प्रभावित किया है? क्या अब ये फौजियों के गांव नहीं कहलाए जाएंगे? जीवन का एकमात्र सपना बिखर जाने के बाद ये युवक अब क्या कर रहे हैं? क्या सेना को इस योजना की आवश्यकता है? क्या सेना के आधुनिकीकरण के लिए यह एक अनिवार्य कदम है?
इन प्रश्नों की पड़ताल के लिए द वायर ने देश के ऐसे कई इलाकों की यात्रा की. इस सिलसिले में पहली क़िस्त हरियाणा
पूर्व सैनिकों का कहना है कि जब आप चार साल के अनुबंध पर लड़कों को भर्ती करेंगे, तो संभव है कि कहीं कम और कमतर लड़के सेना में जाएंगे, जिनके भीतर जुनून कम होगा, और देश के लिए मिट जाने का जज़्बा भी नहीं होगा. क्या सेना को उस श्रेणी और गुणवत्ता के जवान मिल पाएंगे जो वह चाहती है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए युवाओं से एक सामान्य पात्रता परीक्षा आयोजित कराने और नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी बनाने का वादा किया था. चार साल बाद भी युवा इसका इंतज़ार ही कर रहे हैं.
तमिलनाडु के एक अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में संवैधानिक उल्लंघनों का हवाला देते हुए केंद्र सरकार के नए आपराधिक क़ानूनों के हिंदी नामकरण को चुनौती दी है. वहीं, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने नए क़ानूनों को स्थगित कर इनकी संसदीय जांच की मांग उठाई है.
सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज के लोकनीति प्रोग्राम के तहत लोकसभा चुनाव के बाद किए गए सर्वे से पता चलता है कि हरियाणा में 61% से अधिक किसानों ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले 'इंडिया' गठबंधन को वोट दिया था.
योगेंद्र यादव और सुहास पलशिकर ने एनसीईआरटी निदेशक को लिखे पत्र में कहा कि वे दोनों नहीं चाहते कि एनसीईआरटी 'उनके नामों के पीछे छिप जाए... और छात्रों को राजनीति विज्ञान की ऐसी किताबें दे जो उन्हें राजनीतिक रूप से पक्षपाती, अकादमिक रूप से अक्षम्य और शैक्षणिक रूप से अनुपयुक्त लगती हैं.'
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: इस चुनाव ने निश्चय ही लोकतंत्र को सशक्त-सक्रिय किया है पर उसकी परवाह न करने वालों को फिर सत्ता में बने रहने का अवसर देकर अपने लिए ख़तरा भी बरक़रार रखा है.
यदि जाति का ब्योरा जुटाने से देश की एकता और अखंडता को कोई ख़तरा है तो भाजपा ने यह ब्योरा क्यों इकट्ठा किया? चूंकि मोदी सरकार ने 20वीं पशुगणना के तहत गाय, भैंस आदि की संख्या को सार्वजनिक कर दिया लेकिन जातियों के आंकड़े को सार्वजनिक नहीं किया.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का मानना है कि देश में एक साथ चुनाव कराने से चुनाव की लागत कम होगी. साथ ही, उन्होंने कहा कि हमने अपने संकल्प पत्र में लिखा है कि भाजपा का लक्ष्य पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करना है.
बीते दिनों पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि उनके शासनकाल में पिछली सरकारों से ज़्यादा नौकरियां दी गई हैं. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वे किन आंकड़ों के आधार पर यह बात कह रहे हैं क्योंकि विभिन्न सर्वेक्षण और रिपोर्ट उनके दावे के उलट तस्वीर दिखाते हैं.
ऐसा कई चुनावों के बाद दिखाई दे रहा है कि विपक्षी गठबंधन के मुद्दे आम लोगों तक पहुंचे हैं और उनका असर भी पड़ रहा है.
अन्य ख़बरें भी बतलाती हैं कि अग्निपथ योजना के तहत चयनित बहुत सारे युवकों ने ट्रेनिंग के बीच में ही नौकरी छोड़ दी थी. ये युवक सेना की नौकरी में जाना तो चाहते हैं, लेकिन अग्निपथ ने उनका जज़्बा ख़त्म कर दिया है.