वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि क़ानून वापस लेने के निर्णय की घोषणा के बाद दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर मौजूद ख़ुश तो नज़र आए लेकिन यह जीत और हार का मिलाजुला भाव था. किसानों ने कहा कि उन्होंने आंदोलन के दौरान बहुत कुछ खोया है. इन किसानों से बातचीत.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि क़ानून वापस लेने की घोषणा के बाद भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा है कि बिल तो बनते-बिगड़ते रहते हैं, बिल वापस आ जाएगा. इसी तरह राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी कहा है कि ज़रूरत पड़ने पर कृषि क़ानूनों को फिर से लाया जा सकता है.
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के तय कार्यक्रम के अनुसार 22 नवंबर को लखनऊ में किसान पंचायत, 26 नवंबर को दिल्ली सभी सीमाओं पर सभा और 29 नवंबर को संसद तक मार्च होगा.
केंद्र सरकार किसानों की मांगों के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं थी, ख़ुद प्रधानमंत्री ने संसद में आंदोलनकारियों को तिरस्काररपूर्ण ढंग से ‘आंदोलनजीवी’ कहा था. भाजपा के तंत्र ने हर क़दम पर आंदोलन को बदनाम करने और कुचलने की कोशिश की पर किसान आंदोलन जारी रखने के संकल्प पर अडिग रहे.
गुरुनानक जयंती पर राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वर्ष से अधिक समय से विवादों में घिरे तीन कृषि क़ानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा करते हुए कहा, 'मैं देश से माफ़ी मांगता हूं क्योंकि लगता है कि हमारे प्रयासों में कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण हम कुछ किसानों को सच्चाई समझा नहीं सके.'
जब से किसानों ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन शुरू किया था, तब ही से भाजपा नेताओं से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक ने किसानों को धमकाने और उन्हें आतंकी, खालिस्तानी, नक्सली, आंदोलनजीवी, उपद्रवी जैसे संबोधन देकर उन्हें बदनाम करने में कोई कसर बाक़ी नहीं रखी थी.
किसान आंदोलन इसका जीवित प्रमाण है कि यदि लक्ष्य की स्पष्टता हो तो विचार भिन्नता के बावजूद संयुक्त संघर्ष किया जा सकता है. संयुक्त किसान मोर्चा ने एक लंबे अरसे बाद संयुक्त संघर्ष की नीति को व्यावहारिकता में साबित करके दिखाया है.
शेतकारी संगठन के अध्यक्ष और विवादित कृषि क़ानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के एक सदस्य अनिल जे. घानवत ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाया गया सबसे प्रतिगामी क़दम है, क्योंकि उन्होंने किसानों की बेहतरी के बजाय राजनीति को चुना. समिति सदस्यों ने यह भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट उनके द्वारा मार्च में सौंपी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करता है तो वे कर देंगे.
मोदी सरकार इतनी आसानी से किसानों के आगे नहीं झुकी है. किसानों द्वारा एक साल से देश के विभिन्न हिस्सों में कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किए गए लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद आख़िरकार सरकार को इन्हें वापस लेने का निर्णय लेना ही पड़ा.
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि दफनाए दिए गए इन शवों को बृहस्पतिवार को अधिकारियों ने बाहर निकाला था ताकि उन्हें उनके परिवार को सौंपा जा सके. कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला मौका है, जब पुलिस की निगरानी में दफनाए गए शवों को वापस निकाल कर उनके परिजन को लौटाया गया.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि क़ानून वापस लिए जाने के निर्णय को वोट के लिए लिया गया फ़ैसला बताया और कहा कि सैकड़ों किसानों की मौत के आगे झूठ की माफ़ी नहीं चलेगी.
तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का विभिन्न किसान नेताओं और राजनीतिक नेताओं ने स्वागत किया है. भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संसद में क़ानून को निरस्त होने के बाद ही वे आंदोलन वापस लेंगे. वहीं, कांग्रेस ने भाजपा पर हमला करते हुए पूछा कि क़ानूनों के चलते सैकड़ों लोगों की जान जाने की ज़िम्मेदारी कौन लेगा.
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताया था, वहीं इनके परिवारों का कहना है कि वे आम नागरिक थे. चार में से तीन के परिजनों द्वारा प्रदर्शनों के बीच मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं.
पंजाब के बाद पश्चिम बंगाल दूसरा राज्य है, जहां विधानसभा में बीएसएफ का अधिकारक्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के फ़ैसले के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में कहा गया है कि बीएसएफ का अधिकारक्षेत्र बढ़ाना देश के संघीय ढांचे के खिलाफ़ है क्योंकि क़ानून व्यवस्था राज्य सूची का विषय है.
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच की निगरानी के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया. पीठ ने कहा कि जांच के परिणाम में पारदर्शिता और पूर्ण निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए जैन की नियुक्ति की गई है.