वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बंसवाड़ा, राजस्थान में बांसवाड़ा में हुई एक चुनावी रैली में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक कथित बयान का हवाला देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में वापस आई तो संसाधनों पर पहला हक़ मुस्लिमों का ही होगा. लेकिन क्या मनमोहन सिंह ने सच में ऐसा कहा था?
राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिमों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर विपक्षी गठबंधन सत्ता में आया तो जनता की मेहनत की कमाई को 'घुसपैठियों' और 'ज़्यादा बच्चे पैदा करने वालों' को दे दिया जाएगा.
द वायर के लिए करण थापर को दिए साक्षात्कार में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने हरिद्वार में हुई हालिया 'धर्म संसद' में दिए गए मुस्लिमों के नरसंहार के आह्वान को लेकर कहा कि अगर मुसलमानों को कुचलने की बात आती है तो हम लड़ेंगे. हम यहीं के हैं, ये देश हमारा भी है. हम यहीं पैदा हुए यहीं रहेंगे.
द कारवां की रिपोर्ट में विभिन्न राज्यों के लोगों के हवाले से दावा किया गया है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के रोज़ कई लोगों को कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र मिला, जबकि उन्हें टीका पहले लगा था. कई लोगों को टीके की दूसरी खुराक लेने का प्रमाणपत्र मिला जबकि उन्होंने दूसरी डोज़ ली ही नहीं थी.
अगले साल स्वतंत्रतता के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ नाम के कार्यक्रम का केंद्र सरकार देशभर में प्रचार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री की ओर से महोत्सव को लेकर वकीलों को भेजे गए ईमेल के निचले हिस्से में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगी थी. इस पर एक वकील की ओर से कहा गया था कि यह तस्वीर स्वतंत्र निकाय के रूप में सुप्रीम कोर्ट की स्थिति और सरकार का हिस्सा न होने
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने मोदी सरकार के एजेंडा के चलते कोविड-19 के ख़तरे को कम दर्शाने के लिए वैज्ञानिकों पर दबाव डाला. अख़बार ने ऐसे कई सबूत दिए हैं, जो दिखाते हैं कि परिषद ने विज्ञान और साक्ष्यों की तुलना में सरकार के राजनीतिक उद्देश्यों को प्राथमिकता दी.
समाज के वंचित वर्गों के लिए आय बढ़ाने के संबंध में भाजपा सरकार के सभी प्रमुख वादों के अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं मिले हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कोरोना संक्रमण को लेकर बरती जा रही ढिलाई के मद्देनज़र कहा है कि पर्यटकों का आगमन, तीर्थयात्राएं, धार्मिक उत्साह ज़रूरी हैं, लेकिन इसके लिए कुछ और महीने इंतज़ार किया जा सकता है. आईएमए ने सभी राज्यों से लोगों की भीड़भाड़ को रोकने की अपील की है.
मंत्रिपरिषद के विस्तार के बाद भले ही मंत्रियों की संख्या 77 पहुंच गई हो, लेकिन चुने गए ये सभी महिला और पुरुष केवल प्रिय नेता की भूमिका का बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में 36 नए चेहरों को शामिल किया गया है, जबकि सात वर्तमान केंद्रीय राज्य मंत्रियों को पदोन्नत कर इसमें शामिल किया गया है. कैबिनेट मंत्री के रूप में नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि ने शपथ ली है. इससे पहले रमेश पोखरियाल निशंक, हर्षवर्द्धन, सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष गंगवार सहित 12 मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक के बाद कुछ नेताओं ने कहा था कि इस सरकार से अनुच्छेद 370 की बहाली की उम्मीद रखना बेवकूफ़ी होगी. जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री मुज़फ़्फ़र हुसैन बेग का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 371 के तहत यहां के नागरिकों को कुछ विशेषाधिकार दिए जा सकते हैं. इस अनुच्छेद के तहत नगालैंड, मिजोरम सहित उत्तरपूर्व के कई राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर और आईसीयू उपकरणों का ऑडिट कराया जाए ताकि पता चल सके कि कितने वेंटिलेटर और उपकरण इस्तेमाल नहीं हुए और इसकी क्या वजह है. अदालत ने सरकार से कोविड जांच में कथित अनियमितताओं पर भी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
बीते सात जून को तुषार पांचाल को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के पद पर नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया था. इसके तुरंत बाद ही भाजपा के कुछ नेताओं ने तुषार के पिछले ट्वीट्स का हवाला दिया, जो कि हिंदुत्व की विचारधारा की आलोचना करने वाले थे और एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी उल्लेख था.
आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में यह भी कहा कि महामारी संबंधी फेक न्यूज़ और स्वास्थ्य मंत्रालय की मंज़ूरी के बिना किसी भी व्यक्ति द्वारा कोविड-19 संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए तथाकथित ‘चमत्कारिक दवाओं’ को बढ़ावा देकर आम जनता को मूर्ख बनाने के प्रयासों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी उन वीडियो के आधार पर की, जिसमें ये देखा जा सकता है कि चार धामों में से दो- बद्रीनाथ और केदानाथ में बड़ी संख्या में साधू/पुजारी कोरोना नियमों को उल्लंघन करते हुए घूम रहे हैं. इसके साथ ही अदालत ने राज्य के दूरदराज़ के इलाकों में रह रहे लोगों की चिकित्सकीय ज़रूरतों पर ध्यान नहीं देने के लिए केंद्र की खिंचाई करते हुए कहा कि वह पर्वतीय प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है.