भारतीय क्रिकेट टीम के एकमात्र मुस्लिम खिलाड़ी के समर्थन में साथी खिलाड़ियों के वक्तव्यों की एक सीमा थी, वे उन्हें इस प्रसंग को भूल जाने और अगले मैच में अपनी कला का जौहर दिखाने के लिए ललकार रहे थे, पर किसी ने भी इस पर मुंह नहीं खोला कि पूरे मुल्क में एक समुदाय के ख़िलाफ़ किस तरह ज़हर फैलाया जा रहा है, जिसके निशाने पर अब कोई भी आ सकता है.
देश में भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच महज़ एक खेल की तरह नहीं, एक जंग की तरह देखा जाता है और खेलभावना को बाहर कर इसे अहं की लड़ाई बना दिया जाता है. इस बार जब भारत की हार हुई तो सोशल मीडिया पर इसका ठीकरा भारतीय टीम के सदस्य मोहम्मद शमी पर फोड़ा जाने लगा और पाकिस्तान की जीत पर कथित तौर पर 'खुश' होने के लिए कश्मीरी छात्रों को पीटे जाने की ख़बर आई.